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बढ़ता प्रदूषण और पिघलते ग्‍लेशियर, कुछ इस तरह जलवायु संकट की मार झेल रहे भारत और पाकिस्‍तान

भारत-पाक बढ़ते प्रदूषण की वजह से पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं. दिल्ली में धुंध की चादर रोज सुबह बिछी रहती है, जिससे लोगों का सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि भारत और पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालय में ग्लेशियरों के पिघलने की खतरनाक बढ़ सकता है.

बढ़ता प्रदूषण और पिघलते ग्‍लेशियर, कुछ इस तरह जलवायु संकट की मार झेल रहे भारत और पाकिस्‍तान
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( Image Source:  canva )

Air Pollution: भारत और पाकिस्तान में पिछले कुछ हवा की गुणवत्ता काफी खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. देश की राजधानी दिल्ली में हर साल दिवाली से पहले प्रदूषण बढ़ जाता है और पराली जलाने के मामलों की वजह से स्थिति और बिगड़ जाती है.

Telegraph India में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत-पाक बढ़ते प्रदूषण की वजह से पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं. दिल्ली में धुंध की चादर रोज सुबह बिछी रहती है, जिससे लोगों का सांस लेने में भी परेशानी हो रही है.

दोनों देश कर रहे जलवायु संकट का सामना

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP29) में कहा गया कि दो दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश यानी भारत-पाक पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. पंजाब सरकार की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रही है. उन्होंने राज्य के शहरी केंद्रों में छाए धुंध को कम करने के लिए कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है. लाहौर, मुल्तान, फैसलाबाद और गुजरांवाला में दुकानों, बाजारों को रात 8 बजे बंद करने का आदेश दिया गया है. मंत्री मरियम ने कहा कि यह अब क्षेत्र के शहर या प्रांतीय मुद्दा नहीं है बल्कि एक मानवीय संकट है जो पूरे पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है.

दिल्ली में खराब श्रेणी में पहुंचा AQI

देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. बुधवार को शहर का AQI 418 तक पहुंच गया. कई निगरानी स्टेशनों ने AQI का स्तर 500 से ऊपर दर्ज किया, जो खतरनाक क्षेत्र में है और दिल्ली वासियों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. बता दें कि दिल्ली और आस-पास के इलाकों में इस अक्टूबर और नवंबर में स्थिति पिछले कुछ सालों से भी बदतर है, जो पूरे क्षेत्र में संकट की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है. दिल्ली के अलावा बिहार, पंजाब, समेत पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है.

पाकिस्तान में प्रदूषण से बुरा हाल

भारत ही नहीं प्रदूषण से पाकिस्तान में हालात खराब हैं. हाल में यूनिसेफ ने बिगड़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में 11 मिलियन बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में चिंता जाहिर की है. मंगलवार को लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक 400 तक पहुंच गया और नवंबर की शुरुआत में यह 1,900 तक पहुंच गया जो कि सीमा से अधिक है. यहां पर प्रदूषण का बड़ा कारण आग जलाना है.

ग्लेशियर पिघलने का खतरा

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में क्षेत्रीय पर्यावरणीय चुनौतियों के व्यापक मुद्दे पर प्रकाश डाला गया. जिसमें कहा गया कि भारत और पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालय में ग्लेशियरों के पिघलने की खतरनाक बढ़ सकता है. वहीं पाकिस्तान की खूबसूरत हुंजा घाटी दो साल पहले ग्लेशियरों के पिघलने से आई बाढ़ से तबाह हो गई थी. यह घाटी अपने खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है. एक्सपर्ट ने चेतावनी दी कि आने वाले दशकों में इस क्षेत्र में ग्लेशियरों की 65 प्रतिशत बर्फ पिघल सकती है, जिससे न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र को गंभीर खतरा हो सकता है.

जलवायु परिवर्तन के समाधान पर भारत का रुख

बैठक में भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया है और अक्षय ऊर्जा, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से अपने प्रयासों की ओर इशारा किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि फसलों के जलने से लेकर पिघलते ग्लेशियरों तक, आगे बढ़ने के लिए प्रदूषण को कम करने और उपमहाद्वीप पर मंडरा रहे व्यापक जलवायु खतरों से निपटने के लिए सहयोग आवश्यकता होगी.

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