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24 घंटे में BJP से इन-आउट! आखिर कौन हैं काशीनाथ चौधरी और क्या है इनका पालघर साधु हत्याकांड कनेक्शन

महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार का दिन ऐसा बीता, मानो किसी ने बंद कमरे में पटकथा लिखी हो और बाहर आते ही पूरी राज्य राजनीति हिल गई हो. पालघर जिले में बीजेपी ने एक ऐसा ‘राजनीतिक जुआ’ खेला, जिसकी कीमत उसे सिर्फ 24 घंटे में चुका देनी पड़ी.

24 घंटे में BJP से इन-आउट! आखिर कौन हैं काशीनाथ चौधरी और क्या है इनका पालघर साधु हत्याकांड कनेक्शन
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 18 Nov 2025 7:00 AM IST

महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार का दिन ऐसा बीता, मानो किसी ने बंद कमरे में पटकथा लिखी हो और बाहर आते ही पूरी राज्य राजनीति हिल गई हो. पालघर जिले में बीजेपी ने एक ऐसा ‘राजनीतिक जुआ’ खेला, जिसकी कीमत उसे सिर्फ 24 घंटे में चुका देनी पड़ी.

पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष और कभी एनसीपी (शरद पवार) का बड़ा चेहरा रहे काशीनाथ चौधरी को जब बीजेपी ने फूल-मालाओं के साथ पार्टी में शामिल कराया, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि अगले ही दिन पार्टी को ‘अग्निपरीक्षा’ से गुजरना पड़ेगा. साधु हत्याकांड की याद जैसे ही ताज़ा हुई, सोशल मीडिया में बवाल मचा और बीजेपी को चौधरी की एंट्री पर ब्रेक लगाना पड़ा.

कौन हैं काशीनाथ चौधरी?

काशीनाथ चौधरी महाराष्ट्र का एक स्थानीय राजनीतिक नेता हैं, जो पहले एनसीपी (राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस पार्टी) से जुड़े थे. उनका नाम 2020 के पालघर साधु मॉब लिंचिंग मामले में आया था, जहां दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी. हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रवेश किया था, लेकिन पार्टी ने 24 घंटे के भीतर ही उनका प्रवेश रद्द (निलंबित) कर दिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि प्रवेश निलंबित करने का फैसला मामले की संवेदनशीलता की वजह से लिया गया है. चौधरी का पार्टी में शामिल होने का कदम उस समय राजनीति में बड़ा विवाद पैदा कर गया क्योंकि भाजपा पहले ही इस हत्याकांड को लेकर आलोचक रही थी.

24 घंटे की सदस्यता और बवाल का तूफान

बीजेपी की पालघर यूनिट ने 16 नवंबर को धूमधाम से काशीनाथ चौधरी की एंट्री कराई. स्थानीय नेताओं से लेकर सांसद तक स्टेज पर मौजूद थे. तालियां, नारे, फोटो-ऑप… सब कुछ परफेक्ट, लेकिन सोशल मीडिया पर जैसे ही ये खबर फैली कि पार्टी में शामिल हुआ शख्स 2020 के पालघर साधु हत्याकांड में मौजूद था, राजनीतिक तापमान अचानक लाल हो गया. प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने तुरंत आदेश जारी करते हुए चौधरी की ज्वाइनिंग निलंबित कर दी. बीजेपी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी सदस्यता पर तत्काल रोक लगाई जाती है.”

क्यों फूटा बवाल? याद आया पालघर साधू कांड

16 अप्रैल 2020… कोविड लॉकडाउन, रात का अंधेरा, गढ़चिंचले गांव में अफवाहों का तांडव.‘बच्चा चोर गिरोह’ की गलतफहमी में भीड़ ने दो साधुओं—कल्पवृक्षगिरी महाराज (70), सुशील गिरी महाराज (35) और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े (30) को पत्थरों से पीट-पीटकर मार डाला. तभी के वक्त चौधरी घटनास्थल पर मौजूद थे. उनका नाम एफआईआर या चार्जशीट में नहीं था, लेकिन एक चश्मदीद के रूप में उनका जिक्र बार-बार हुआ. बीजेपी ने उस समय उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर हमला बोला था और आरोप लगाया था कि भीड़ को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. अब जब वही चौधरी भाजपा में आए, सवाल उठना स्वाभाविक था. "जो व्यक्ति कभी बीजेपी की निशानेबाजी का केंद्र था, वो अचानक पार्टी का नया चेहरा कैसे बन गया?"

विपक्ष ने ताने कसे - ‘मुख्य आरोपी को BJP में जगह?’

एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने चौधरी की एंट्री पर करारा हमला बोला. कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर कर लिखा कि “2020 में पालघर में साधुओं की हत्या में बीजेपी ने इन्हें मुख्य आरोपी बताया था. आज वही काशीनाथ चौधरी बीजेपी में शामिल हो गए.” पोस्ट्स वायरल होने के बाद पार्टी को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा.

बीजेपी का आधिकारिक स्पष्टीकरण

पार्टी की ओर से कहा गया कि जांच रिकॉर्ड के अनुसार चौधरी किसी एफआईआर या चार्जशीट में नामित नहीं हैं. लेकिन मामले की गंभीरता के कारण उनकी सदस्यता पर अस्थायी रोक लगाई जाती है.” यानी बीजेपी ने पिछली बातों को ‘कागज़ पर’ हल्का करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने इसे हथियार बना लिया.

‘धर्म और राजनीति’ की लड़ाई में फंसी बीजेपी

बीजेपी के धार्मिक विंग के अध्यक्ष आचार्य तुषार भोंसले ने भी जिला नेताओं को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील मामले में स्थानीय स्तर पर इतनी बड़ी चूक नहीं होनी चाहिए थी. बीजेपी की कोशिश स्थानीय स्तर पर एक मजबूत चेहरा जोड़ने की थी. चौधरी 3000 समर्थकों के साथ आए थे—ग्रामीण इलाकों में संदेश गया था कि भाजपा एनसीपी (शरद पवार) की कमर तोड़ रही है. लेकिन जैसे ही ‘साधु हत्याकांड’ की छाया इस पर पड़ी, पूरा खेल बदल गया. राजनीति में कभी-कभी एक तस्वीर, एक पुरानी घटना, या एक वायरल पोस्ट 24 घंटे में समीकरण बदल देती है… पालघर में यही हुआ.

कांग्रेस ने काटा बवाल

कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि, पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर BJP ने काशीनाथ चौधरी को मुख्य आरोपी बताया था. तब BJP के नेताओं ने काशीनाथ चौधरी को लेकर खूब हमला बोला था. अब खबर है कि काशीनाथ चौधरी को BJP ने गाजे-बाजे के साथ पार्टी की सदस्यता दिलवा दी है. ये है- BJP का 'दोहरा चरित्र'. पवन खेरा ने ट्वीट कर लिखा कि, आपको याद होगा पालघर के साधुओं की हत्या को लेकर भाजपा ने कैसा माहौल बनाया था. जिस व्यक्ति को भाजपा ने साधुओं की हत्या का प्रमुख आरोपी बताया था, उस काशीनाथ चौधरी को कल भाजपा ने अपनी वाशिंग मशीन की तीर्थ यात्रा करवा दी है.

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