कार का है लाइसेंस तो चला सकेंगे हल्के कमर्शियल वाहन! LMV पर कोर्ट के फैसले से मिली 'सुप्रीम' राहत
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि लोगों के पास लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस हैं तो वह 7500 किलोग्राम तक के वजन वाले वाहन को चला सकते हैं. चीफ जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है.

Driving Licence: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी 6 नवंबर 2024 को उन लोगों के लिए बड़ा फैसला सुनाया है, जिनके पास वाहन चलाने के लिए लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस हैं. ऐसे लोग अब बड़े ही आराम से कमर्शियल वाहन सड़कों पर दौड़ा सकते हैं और अब उन्हें कोई भी जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि लोगों के पास लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस हैं तो वह 7500 किलोग्राम तक के वजन वाले वाहन को चला सकते हैं. इससे लोगों को राहत की सांस मिली है. इस फैसले से लोग कमर्शियल वाहन की ड्राइविंग भी कर सकेंगे. इसमें कई ट्रक और मिनी ट्रक भी शामिल हैं.
भारी वाहन चलाने पर मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. यह फैसला बीमा कंपनियों से लिए बड़ा झटका है. जानकारी के अनुसार एक दुर्घटना मामलों में बीमा कंपनी इस आधार पर बीमे की रकम देने से बचने का प्रयास कर रही थी. कोर्ट ने उनके दावे को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि एलएमवी लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक वजन वाले परिवहन ही चला सकते हैं.
पीठ ने सहमित से लिया फैसला
जानकारी के अनुसार एलएमवी लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक के वाहन चलाने का फैसला पांच जजों की पीठ ने सहमति से लिया है. जस्टिस हृषिकेश रॉय के मुताबिक ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो दिखाता हो कि एलएमवी लाइसेंस धारक सड़क दुर्घटनाओं में तेजी के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एलएमवी लाइसेंस वाले ड्राइवर, जो सड़क पर सबसे अधिक समय बिताते हैं, की वैध शिकायतें हैं जिन्हें तकनीकी आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता. बता दें कि बीमा कंपनियां आरोप लगाती रही हैं कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और अदालतें हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में उनकी आपत्तियों की अनदेखी करते हुए उन्हें भुगतान के लिए मना कर दिया था.
पहले भी हुई थी सुनवाई
इससे पहले 21 अगस्त को बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. कार्यवाही के दौरान अटॉर्नी अनरल आर. वेंकटरमणी ने कोर्ट को बताया था कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन के लिए परामर्श पूरा होने वाला है. अदालत ने केंद्र सरकार से संशोधन प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की थी. बता दें कि कोर्ट के इस फैसले का ऑटोमोटिव और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के संगठन इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने स्वागत किया है. सीनियर फेलो एस पी सिंह ने कहा कि इस फैसले से लाइट गुड्स व्हीकल के मालिकों को आसानी होगी.