कुत्ते ने ढूंढे चोरी के 1 करोड़ रुपये, किसान ने ली राहत की सांस, जानिए क्या है पूरा मामला
अहमदाबाद में 11 अक्टूबर को एक गरीब किसान ने अपनी जमीन बेची और बदले उसे 1 करोड़ 7 लाख रुपये मिले और बाद में चोरी भी हो गए. किसान ने गेहूं के ड्रम में रखी हुई रकम नहीं मिली. उसने पूरे घर में ढूंढ़ा लेकिन पैसे कहीं नहीं मिले. इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पांच दिनों से बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और रकम बरामद की.

Gujarat News: गुजरात के अहमदाबाद से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पर एक किसान के 1 करोड़ रुपये चोरी हुए, जिसे कुत्ते ने ढूंढ निकाला. दरअसल 11 अक्टूबर को एक गरीब किसान ने अपनी जमीन बेची और बदले उसे 1 करोड़ 7 लाख रुपये मिले.
जानकारी के अनुसार किसान के पास कोई बैंक अकाउंट नहीं था. इसलिए उसने अपने घर के गेहूं के ड्रम में इस धनराशि को छिपा कर रखा दिया. अगले दिन जब उसने देखा तो पैसे अपनी जगह से गायब थे. किसी ने उसके घर में चोरी कर ली थी.
किसान के घर में हुई चोरी
किसान ने गेहूं के ड्रम में रखी हुई रकम नहीं मिली. उसने पूरे घर में ढूंढ़ा लेकिन पैसे कहीं नहीं मिले. इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पांच दिनों से बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और रकम बरामद की. यह घटना अहमदाबाद के ढोलका तालुका के सरगवाला गांव की है. जो कि लोथर के पास स्थित है.
कुत्ते ने निभाई अहम भूमिका
पुलिस ने इस संबंध में बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने में पुलिस के डॉग स्क्वायड के सदस्य पेनी ने अहम भूमिका निभाई है. उसने सूंघकर पैसों का पता लगा लिया. शिकायतकर्ता ने अपने नाम को गुप्त रखा है. 12 अक्टूबर को जब वह घर पहुंचा तो उसके घर में चोरी हो गई थी. उसके घर की खिड़की टूटी हुई थी. लुटेरों ने गेहूं के ड्रम का ताला तोड़ा और पैसे लेकर फरार हो गए.
लुटेरों पर कई धाराओं में केस दर्ज
इस मामले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बताया कि चोरी की सूचना मिलते ही हम घटनास्थल पर पहुंचे. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 और 331 (4) के तहत केस दर्ज किया गया है.
GST में धोखाधड़ी का मामला
गुजरात में GST में धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छापेमारी शुरू कर दी है. गुरुवार को ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ गड़बड़ी के मामले में ईडी ने गुजरात के कई स्थानों पर छापेमारी की. इनमें सात शहर अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में कुल 23 परिसरों की तलाशी ली गई. गुजरात में करीब 200 करोड़ से अधिक का घोटाला होने का खुलासा हुआ है.