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क्या महंगा और क्या हो रहा सस्ता? पुरानी गाड़ी की बिक्री से लेकर पॉपकॉर्न पर भारी GST

GST Council: निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स को सरल बनाने और राहत देने के लिए प्रमुख बदलावों की घोषणा की गई.

क्या महंगा और क्या हो रहा सस्ता? पुरानी गाड़ी की बिक्री से लेकर पॉपकॉर्न पर भारी GST
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GST Council
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 22 Dec 2024 12:00 PM IST

GST Council: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को हुई 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स प्रोसेस को और आसान बनाने को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही व्यवसायों को राहत देने के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की गई.

क्या सस्ता हो रहा है?

फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK): पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन (PDS) के माध्यम से आपूर्ति किए जाने पर GST घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया, जिसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना है.

जीन थेरेपी: जीन थेरेपी पर GST टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे उपचार अधिक किफायती हो जाएगा.

फ्री फूड पर नो GST: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सरकारी कार्यक्रमों के तहत आपूर्ति की जाने वाली खाद्य सामग्री पर 5 % की रियायती जीएसटी दर लागू की गई.

LRSAM पर छूट: लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (LRSAM) के लिए सिस्टम निर्माण के लिए प्रयुक्त प्रणालियों, उप-प्रणालियों और उपकरणों पर IGST की छूट दी जाएगी.

IAEA टेस्टिंग डिवाइस पर छूट: अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निरीक्षण के लिए डिवाइसों और कंज्यूंब्लेस नमूनों के आयात पर IGST की छूट दी जाएगी.

काली मिर्च और किशमिश (कृषकों की आपूर्ति पर): यह स्पष्ट किया गया है कि कृषकों के सीधे बेचे जाने पर इन पर जीएसटी लागू नहीं होगा.

कौन सी वस्तुएं होगी महंगी

पुरानी और उपयोग की गई गाड़ी (EVs सहित): कुछ पेट्रोल एवं डीजल वाहनों को छोड़कर सभी पुराने एवं उपयोग किए गए वाहनों की बिक्री पर GST 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया.

रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न: पहले से पैक और लेबल वाले रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर 12% कर लगेगा, जबकि अगर यह कारमेलाइज्ड है तो 18% जीएसटी लगेगा. 'रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न', जिसमें नमक और मसाले मिलाए जाते हैं. फिलहाल वर्तमान में 5% GST लगता है अगर यह पहले से पैक और लेबल नहीं है.

ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (ACC) ब्लॉक: यदि इसमें 50 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश सामग्री है तो 12% GST लगेगा.

कॉर्पोरेट्स की स्पॉन्सरशिप सर्विस: अब इन्हें फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत लाया गया है, जिससे स्पॉन्सर्स के लिए लागत में वृद्धि हो सकती है.

इनमें भी हुआ परिवर्तन

वाउचर: GST काउंसिल ने वाउचर के लेन-देन पर कोई GST न लगाने की सिफारिश की है, क्योंकि वे न तो वस्तुओं की आपूर्ति हैं और न ही सेवाओं की आपूर्ति हैं.

पैनल चार्ज: ऋण शर्तों का पालन न करने पर बैंकों और NBFC के वसूले गए जुर्माने पर कोई GST नहीं लगेगा.

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