गोवा में चल रहा ‘टिक-टिक बम’ आखिर फट ही गया! सरकारी ज़मीन पर अवैध क्लब, कोई लाइसेंस नहीं… फिर भी चलता रहा VIP एंट्री के साथ
गोवा में ‘टिक-टिक करता बम’ कहे जाने वाला अवैध क्लब आखिरकार बड़े हादसे के बाद उजागर हो गया. सरकारी ज़मीन पर बिना किसी लाइसेंस, बिना फायर सेफ्टी और बिना परमिशन के बना यह क्लब वर्षों से VIP एंट्री के साथ धड़ल्ले से चलता रहा. कार्यकर्ता रवि हारमलकर की शिकायतों, कोर्ट आदेशों और विभागीय नोटिसों के बाद भी प्रशासन ने सिर्फ सतही कार्रवाई की. आखिर अरपोरा स्थित Birch by Romeo Lane में आग ने 25 लोगों की जान ली, तब सरकार हरकत में आई और क्लब को सील किया गया.
गोवा के अरपोरा स्थित रोमियो लेन के 'बर्च' क्लब में रविवार को लगी भीषण आग ने 25 लोगों की जान ले ली और कई जख्मी हो गए. लेकिन इस त्रासदी के साथ एक और चौंकाने वाली कहानी सामने आई है. लूथरा ब्रदर्स का एक और क्लब, जो सरकारी जमीन पर अवैध रूप से खड़ा था, बिना किसी फायर सेफ़्टी और लाइसेंस के संचालित हो रहा था. इतनी शिकायतों और चेतावनियों के बावजूद इसे चलने की अनुमति किसने दी?
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र की तेज लहरों से टकराते इस अवैध क्लब को स्थानीय एक्टिविस्ट पहले ही 'टिकिंग टाइम बम' बता चुके थे. लेकिन प्रशासन ने वर्षों तक आंखें मूंदे रखीं और अब जब 25 जानें चली गईं, तब जाकर कार्रवाई हुई और क्लब को सील किया गया. सवाल अब भी वही है लूथरा ब्रदर्स को आखिर कौन बचा रहा था?
अवैध क्लब, सरकारी जमीन और प्रशासन की चुप्पी
वागातोर बीच पर पहाड़ी के ऊपर बना यह क्लब पूरी तरह अवैध था. न फायर सेफ़्टी, न NOC, न ही अन्य सुरक्षा मानक- इसके बावजूद क्लब खुलेआम चलता रहा. पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, CZMA और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग तक शिकायतें पहुंचीं, लेकिन किसी एजेंसी ने कार्रवाई नहीं की. एक्टिविस्ट रवि हरमळकर को तो लूथरा ब्रदर्स की तरफ से धमकियां तक दी गईं. अंततः उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट (गोवा बेंच) का दरवाज़ा खटखटाया, जिसने क्लब तोड़ने का आदेश दिया. लेकिन जो भी कार्रवाई हुई, वह सिर्फ दिखावे की थी.
लोफ्ट तक टकराती समुद्री लहरें- 'टाइम बम' फटने का इंतजार
हाई टाइड के दौरान लहरें क्लब की ऊपरी संरचना तक पहुंच जाती थीं. लकड़ी के खंभों, प्लैंकों और कीलों से जोड़ा गया यह अस्थायी ढांचा किसी भी वक्त गिर सकता था. एक्टिविस्ट हरमळकर ने चेतावनी दी थी कि “यह एक टिक-टिक बम है” और यह चेतावनी अब भयावह रूप से सच हो चुकी है. अरपोरा के ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ में आग लगने के बाद ही सरकार हरकत में आई. 20 स्टाफ और 5 टूरिस्ट समेत 25 लोगों की मौत ने पूरे तंत्र को हिला दिया. इसके बाद क्लब को सील किया गया.
लूथरा ब्रदर्स फरार, लुकआउट नोटिस जारी
गोवा पुलिस ने क्लब मालिकों- सौरभ लूथरा और उनके भाई गौरव लूथरा- के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है. बताया जा रहा है कि दोनों आग लगने के तुरंत बाद गोवा छोड़कर भाग गए और देश से बाहर जाने की आशंका है. एयरपोर्ट्स व पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. रोमियो लेन की वेबसाइट के अनुसार, सौरभ लूथरा खुद को 'गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर से रेस्टोरेंट उद्यमी बने' बताते हैं. वह दिल्ली, गोवा और गुरुग्राम में रोमियो लेन की चेन चलाते हैं और फोर्ब्स इंडिया में फीचर भी हो चुके हैं.
और क्लब खोलने की तैयारी, दुबई में प्रॉपर्टी भी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स नोएडा के गौर सिटी में नया क्लब लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे. सौरभ का एक घर दुबई में भी है. फिलहाल दोनों भाइयों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं और पुलिस सोशल मीडिया व डिजिटल ट्रेल के जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक कर रही है. इंस्टाग्राम पर जारी बयान में सौरभ लूथरा ने कहा कि क्लब मैनेजमेंट 'अपूर्णीय क्षति और अत्यधिक दुख से हिल गया है.'
सबसे बड़ा सवाल- कौन दे रहा था संरक्षण?
अवैध निर्माण, सरकारी जमीन पर कब्जा, सुरक्षा मानकों की धज्जियां, कोर्ट आदेशों की अनदेखी, इन सबके बावजूद क्लब कैसे चलता रहा? कौन-सी ताकतें लूथरा ब्रदर्स को बचा रही थीं? यह सवाल अब और भी तेज़ी से उठ रहा है.





