क्या है एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरा का एजेंडा? विदेश मंत्रालय ने बताया- भारत-पाक रिश्तों पर कितना होगा असर
S Jaishankar Pakistan Visit: विदेश मंत्री एस जयशंकर की होने वाली पाकिस्तान यात्रा को लेकर हर जगह चर्चाएं हो रही है. 9 साल में ये पहली बार है, जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर होगा. एस जयशंकर की यात्रा को लेकर पाकिस्तीन के रावलपिंडी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और 10 हजार जवानों को उतारा गया है.

S Jaishankar Pakistan Visit: विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए मंगलवार शाम को पाकिस्तान पहुंचेंगे. इस दौरान रावलपिंडी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और शहर भर में धारा 144 लागू कर दिया गया है. एस जयशंकर की ये यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि अगर ये यात्रा सफल होती है तो शायद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आए. पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था.
शहबाज शरीफ की सरकार ने SCO शिखर सम्मेलन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 15-17 अक्टूबर तक इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना के जवानों को भी तैनात किया है. एस जयशंकर की यात्रा के दौरान रावलपिंडी और इस्लामाबाद में सभी मैरिज हॉल, रेस्तरां और कैफे 5 दिनों तक बंद रहेंगे. पाकिस्तान पहले से ही आंतकवाद को लेकर घिरा है. ऐसे में पाक नहीं चाहता है कि कोई भी घटना घटे और पूरी दुनिया में उसे फिर से टारगेट किया जाए. पाकिस्तान ने रावलपिंडी का सड़कों पर अपने 10,000 से अधिक जवान उतार दिए हैं.
डिनर नाइट से माहौल बनाने की तैयारी
कहते एक साथ खाना खाने से रिश्तों में खटास कम होती है. ऐसे पाकिस्तान की ओर से ऐसे ही कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डिनर नाइट का भी आयोजन करने वाले हैं, जिसमें एस जयशंकर के साथ चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन भी शामिल हो सकते हैं.
9 साल बाद कोई भारतीय मंत्री जा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की हरकतों की वजह से भारत ने वहां जाना तो दूर उसकी ओर देखना तक छोड़ दिया था. कई मौके पर सबक सिखाने के बाद भी पाकिस्तान अक्सर अपनी औकात दिखा देता है. 9 सालों बाद पहली बार ये मौका आ रहा है, जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर जा रहा है. पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारत की आखिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं. उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी.
एस जयशंकर की यात्रा से सुधरेंगे रिश्ते?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब एक पत्रकार ने ये पूछा कि क्या विदेश मंत्री का दौरा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश के तौर पर देखा जाएगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'ये दौरा एससीओ मीटिंग के लिए है, इससे ज़्यादा इसके बारे में न सोचें.' इसलिए अगर हम सोच रहे हैं कि इस यात्रा से रिश्तों में सुधार आने वाला है तो शायद विदेश मंत्रालय के बयान से ऐसा लग नहीं रहा है.
क्या है यात्रा का एजेंडा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी 5 अक्टूबर को इस दौरे के बारे में बताते हुए कहा कि वो भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा के लिए पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं, वो शंघाई सहयोग संगठन में हिस्सा लेने जा रहे हैं. इससे साफ है कि इस दौरे का एजेंडा शंघाई सहयोग संगठन पर टिका है. हालांकि, जयशंकर का पाकिस्तान दौरा भले ही द्विपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है, लेकिन इसके बावजूद भारत-पाकिस्तान के संबंधों के लिए इसके महत्व को नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.