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पहले पीला फिर हरा अब भगवा, जमकर हो रहा बवाल, BJP बोली- ये बर्दाश्त नहीं, समझें मामला

महाराष्ट्र में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने हाल ही में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. बीते शनिवार को उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शहर की एक हरे रंग की दीवार को भगवा रंग में पेंट करवा दिया. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया.

पहले पीला फिर हरा अब भगवा, जमकर हो रहा बवाल, BJP बोली- ये बर्दाश्त नहीं, समझें मामला
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 30 Dec 2024 8:09 AM

महाराष्ट्र में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने हाल ही में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. बीते शनिवार को उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शहर की एक हरे रंग की दीवार को भगवा रंग में पेंट करवा दिया. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया.

भाजपा सांसद के इस कदम पर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताते हुए उन पर निशाना साधा. वहीं, राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने दीवार को भगवा रंगने के पीछे यह तर्क दिया कि दीवार को जानबूझकर हरे रंग में रंगा गया था, जो एक साजिश का हिस्सा था. इस घटना ने राज्य में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है.

रंग बदलने पर सियासत तेज

दरअसल पीले रंग की दीवार को हरे रंग से जमकर वहां पर फूल और माला चढ़ाया गया था. जिसे भगवा रंग में तब्दील कर दिया गया है. इसके बाद इस मुद्दे को लेकर जमकर सियासत तेज हो गई है. शिवसेना उद्धव गुट ने इसका विरोध किया है, साथ ही नाराजगी जताई है.

हरे रंग के इस दीवार का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ. जिसके बाद सोशल मीडिया के मंचों पर इसको लेकर खूब बहसबाजी शुरू हो गई. इसको लेकर एक खास धर्म पर इरादतन ऐसा करने के इल्जाम लगने लगे. मामले में नया मोड़ तब आने लगा जब बीजेपी की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी घटनास्थल पर पहुंची, और उसे भगवा रंग से रंगने लगी. साथ ही दीवार पर एक मंदिर की आकृति बना दी. साथ ही वहां भगवान की एक फोटो भी डाल दी.

मेधा कुलकर्णी ने इस मामले पर सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा की. उन्होंने लिखा, 'कल एक व्हाट्सएप मैसेज वायरल हुआ कि सदाशिव पेठे में ज्ञानप्रबोधिनी स्कूल से सटी सड़क पर दीवार को हरे रंग में रंगा गया है. साथ ही वहां फूल, माला और अगरबत्ती चढ़ाकर पूजा की गई. मैंने इस मामले की जांच के लिए मौके पर पहुंचने का फैसला किया. वहां संग्राम ढोले पाटिल, संकेत मेहंदले, यशपाल जाधव और दातेरे के साथ हरे रंग के ऊपर केसरिया रंग डालने का आनंद ही कुछ अलग था.'

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