64 साल पुराने TAX क़ानून की विदाई! अब रिटर्न भरना होगा आसान, नए इनकम टैक्स बिल में क्या-क्या?
मोदी सरकार संसद के मॉनसून सत्र में नया इनकम टैक्स कानून पेश करने जा रही है, जो 1961 के पुराने कानून की जगह लेगा. नया विधेयक टैक्स रिटर्न फाइलिंग को बेहद आसान बना देगा और मुकदमेबाज़ी से राहत देगा. करदाताओं को सिंपल फॉर्म से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा मिलेगी, साथ ही टीडीएस-टीसीएस के नियम भी सरल होंगे.

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से हो रही है और केंद्र सरकार इस मौके पर एक ऐतिहासिक बदलाव के लिए तैयार है. सरकार नया इनकम टैक्स कानून (New Income Tax Bill) पेश करने जा रही है, जो 1961 में बने मौजूदा आयकर कानून की जगह लेगा. यह बदलाव करदाताओं के लिए न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि टैक्स प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
नए टैक्स कानून का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह आम करदाताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग को बेहद आसान बना देगा. जिन लोगों की आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है, उन्हें लंबी-चौड़ी जानकारियां देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ एक सरल फॉर्म भरकर वे अपनी प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे. इससे टैक्स रिफंड के लिए होने वाली अनावश्यक मुकदमेबाज़ी भी कम होगी.
प्रवर समिति की सिफारिशों से बना मजबूत मसौदा
यह विधेयक पहले बजट सत्र में पेश किया गया था, जिसे सांसदों के सुझाव पर प्रवर समिति को भेजा गया था. समिति ने 285 संशोधनों के साथ रिपोर्ट तैयार की है, जो सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी. इस बार विधेयक को बिना किसी बड़ी बाधा के पारित होने की उम्मीद है, क्योंकि यह दोनों सदनों में करदाताओं के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
जटिलताओं से मुक्ति दिलाएगा नया कानून
नए कानून को खास तौर पर सरल भाषा और न्यूनतम प्रावधानों के साथ तैयार किया गया है, ताकि आम जनता भी इसे आसानी से समझ सके. पुराने कानून में जहां 5.12 लाख शब्द और 47 अध्याय थे, वहीं नए बिल में केवल 2.6 लाख शब्द और 23 अध्याय रखे गए हैं. सेक्शन की संख्या भी 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, जिससे कानून और स्पष्ट तथा संक्षिप्त बनेगा.
टीडीएस-टीसीएस और टैक्स ईयर पर फोकस
- नए कानून में टीडीएस और टीसीएस से जुड़े प्रावधानों को अधिक स्पष्ट और सरल बनाया गया है
- 18 की जगह 57 धाराएं सिर्फ अग्रिम कर कटौती को समर्पित हैं
- 1,200 से अधिक अप्रचलित नियम हटाए गए हैं
- असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर की जगह अब सिर्फ "टैक्स ईयर" शब्द का प्रयोग होगा, जिससे प्रक्रिया में एकरूपता आएगी
नए विधेयक की 5 प्रमुख बातें
- नए कानून में 819 की जगह केवल 536 धाराएं होंगी
- 285 संशोधनों के साथ प्रवर समिति की रिपोर्ट तैयार
- टीडीएस और टीसीएस नियमों को आसान और पारदर्शी बनाया गया है
- टैक्स ईयर की नई परिभाषा से भ्रम खत्म होगा
- 47 की जगह अब सिर्फ 23 अध्याय होंगे संक्षिप्त और प्रभावी कानून