ड्राइवर, असिस्टेंट और ना जाने क्या-क्या, देखिए रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस को मिलने वाली सुविधाओं की लिस्ट
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का 10 नंबवर को कार्यकाल पूरा हो गया है. सेवानिवृत्त के बाद मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कई सुविधाओं के हकदार हैं. सेवानिवृत्त CJI को सेवानिवृत्ति के पांच साल तक उनके आवास पर 24 घंटे सुरक्षा कवर मिलेगा. बता दें कि यह उसी अवधि के लिए 24/7 निजी सुरक्षा गार्ड के अतिरिक्त है.

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का 10 नंबवर को कार्यकाल पूरा हो गया है. रिटारमेंट के बाद भी मुख्य न्यायाधीश को बहुत सी सुविधाएं मिलती है. जिसमें
डीवाई चंद्रचूड़ की जगह शनिवार 11 नवंबर से न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 51वें सीजेआई के रूप में पदभार संभालेंगे. न्याय को बनाए रखने और संविधान की रक्षा करने में सीजेआई की अहम भूमिका होती है.
रिटारमेंट के बाद मिली है ये सुविधाएं
- सेवानिवृत्त के बाद मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कई सुविधाओं के हकदार हैं. जिनमें आजीवन घरेलू सहायक और ड्राइवर की सुविधा शामिल है.
- सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों को आजीवन सचिवीय सहायक भी मिलता है.
- 2022 में जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार, सेवानिवृत्त CJI को सेवानिवृत्ति के पांच साल बाद उनके आवास पर 24 घंटे सुरक्षा कवर मिलेगा. बता दें कि यह उसी अवधि के लिए 24/7 निजी सुरक्षा गार्ड के अतिरिक्त है.
- सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए सुरक्षा कवर और निजी गार्ड तीन वर्ष के लिए है.
- सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने तक नई दिल्ली में फ्री टाइप VII आवास भी मिलता है.
- 6पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को उनके मंथली मोबाइल फोन और इंटरनेट बिल की 4200 रुपये तक की प्रतिपूर्ति का अधिकार है.
रिटारमेंट के बाद इन कामों पर रोक
डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हो गए हैं. संविधान के आर्टिकल 124 (7) के मुताबिक, एक बार उनका कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों को किसी कोर्ट में वकालत करने की इजाजत नहीं होती. इसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता में लोगों के भरोसे को बनाए रखना है. लॉ ट्रेंड के एक लेख के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद कानून का अभ्यास करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे उनके पिछले पद की गरिमा कम हो सकती है.
सेवानिवृत्त के बाद इनकी अनुमति
सेवानिवृत्त न्यायाधीश कानून का अभ्यास नहीं कर सकते, लेकिन वे अन्य भूमिकाएं निभा सकते हैं. वहीं कुछ लोग सार्वजनिक सेवा में प्रवेश करना चुनते हैं और राज्यपाल या सरकारी समितियों के सदस्य के रूप में नियुक्तियां प्राप्त करते हैं. वह विवादों में मध्यस्थ या मध्यस्थ बन सकते हैं. इसके अलावा कोई व्यक्ति, जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रह चुका है” भारतीय मध्यस्थता परिषद का सदस्य हो सकता है. वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या राष्ट्रीय हरित अधिकरण जैसे आयोगों और न्यायाधिकरणों के प्रमुख के रूप में भी कार्य कर सकते हैं या उनमें शामिल हो सकते हैं.