अमेरिका में 20 हजार भारतीयों पर संकट! क्या Donald Trump नई पॉलिसी के बाद भेजेंगे वापस?
ट्रम्प सरकार अमेरिका से अवैध आप्रवासन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए योजना बना रही है. उन्होंने यूएस-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषति करने वाली है, इससे इलीगल इमिग्रेशन पूरी तरह से रुक जाएगा. इस घोषणा से भारत में टेंशन बढ़ गई है. इसका असर 20 हजार भारतीयों पर भी पड़ने वाला है.

Trump Government: डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली. व्हाइट हाउस में वापसी के बाद ट्रम्प एक्शन मोड में आ गए हैं. उन्होंने कई बड़ी घोषणा की है. जिसमें एक इमिग्रेशन यानी आव्रजन भी शामिल हैं. देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. इसका असर 20 हजार भारतीयों पर भी पड़ने वाला है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प सरकार अमेरिका से अवैध आप्रवासन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए योजना बना रही है. उन्होंने यूएस-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषति करने वाली है, इससे इलीगल इमिग्रेशन पूरी तरह से रुक जाएगा. इस घोषणा से भारत में टेंशन बढ़ गई है.
अमेरिका से वापस आएंगे 20 हजार भारतीय
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीयों को अमेरिका में काम करने और नौकरी के लिए जाने के लिए एच-1बी वीजा मिलते हैं. अनुमान है कि 300,000 भारतीय छात्र अमेरिका में हैं - जो कि किसी भी विदेशी देश का सबसे बड़ा समूह है .
अगर ट्रम्प सरकार अपनी इस नई इमिग्रेशन पॉलिसी को लागू करती है तो करीब 20 हजार भारतीयों को वापस यूएस छोड़ भारत वापस जाना पड़ेगा. इससे नवंबर 2024 तक 20407 भारतीय हो सकते हैं जिनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं. ये वे लोग हैं जो आखिरी आदेश का सामना कर रहे हैं या अभी अमेरिकी आव्रजन व सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के हिरासत केंद्रों में रह रहे हैं.
इतने के पास नहीं हैं कागज
भारतीयों में 17,940 "पेपरलेस" होने के बाद भी हिरासत केंद्र में हैं. वहीं 2,467 आईसीई के प्रवर्तन और निष्कासन संचालन (ईआरओ) के तहत हिरासत में हैं. हिरासत में लिए गए एशियाई लोगों में पहले स्थान पर है. नवंबर 2024 तक हिरासत में लिए गए सभी देशों में गैर-नागरिकों की कुल संख्या करीब 37 हजार से ज्यादा है.
कौन जारी करता है इमीग्रेशन आदेश?
अमेरिका में निष्कासन आदेश एक इमीग्रेशन जज की ओर से जारी किया जाता है. आईसीई ने भारत को इराक, दक्षिण सूडान और बोस्निया-हर्जेगोविना के साथ उन 15 असहयोगी देशों की लिस्ट में शामिल किया है जो अपने बिना डॉक्यूमेंट वाले नागरिकों को अमेरिका से वापस स्वीकार करने के लिए राजी नहीं हैं. आईसीई की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, निर्वासित भारतीयों की संख्या चार वर्षों में 5 गुना बढ़ गई है. जिसमें 2021 में 292 थी जो 2024 में 1,529 तक पहुंच गई है.