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इंसानियत ने जीता दिल! साइक्लोन के बीच आशा कार्यकर्ता की बहादुरी; देखें Video

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे एक महिला ने बहादुरी को बखूबी दर्शाया. महिला को कीचड़ भरे रास्ते पर चलते हुए देखा गया, जहाँ वह एक बुजुर्ग ग्रामीण महिला को अपनी पीठ पर उठाकर साइक्लोन आश्रय स्थल की ओर बढ़ रही है. वीडियो देख लोग तमाम कमेंट्स करते हुए नजर आ रहे हैं.

इंसानियत ने जीता दिल! साइक्लोन के बीच आशा कार्यकर्ता की बहादुरी; देखें Video
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( Image Source:  Video Grab )

आपदा के समय लोग अक्सर साहस और निस्वार्थता का परिचय देते हैं. प्राकृतिक आपदा या खतरनाक स्थिति में, वे दूसरों की सहायता के लिए आगे आते हैं. हाल ही में कैमरे में कैद हुई एक घटना ने इस बहादुरी को बखूबी दर्शाया. एक वीडियो में, एक महिला को कीचड़ भरे रास्ते पर चलते हुए देखा गया, जहाँ वह एक बुजुर्ग ग्रामीण महिला को अपनी पीठ पर उठाकर साइक्लोन शेल्टर स्थल की ओर बढ़ रही है. यह घटना ओडिशा में साइक्लोन दाना के आने की संभावना के चलते हुई. ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर ब्लॉक के खासमुंडा गाँव की आशा कार्यकर्ता सिबानी मंडल ने बुजुर्ग महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, जिसकी सराहना पीआईबी ओडिशा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर की.

आशा कार्यकर्ता: समुदाय की देखभाल में अनोखा योगदान

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या "आशा" कार्यकर्ता, समुदायों और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के बीच एक मजबूत कड़ी के रूप में काम करती हैं. “आशा” का हिंदी में अर्थ होता है "उम्मीद," और ये कार्यकर्ता इसी उम्मीद को ज़मीनी स्तर पर पहुँचाती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ये कार्यकर्ता मातृ स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों को टीकाकरण, कम्युनिकेबल डिजीज की रोकथाम, पोषण, और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहायक होती हैं.

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं. एक व्यक्ति ने लिखा, “इन्हें सम्मानित और पुरस्कृत किया जाना चाहिए.” दूसरे ने कहा, “उन्हें सलाम.” कई लोगों ने उनके कार्य को सशक्त महिला के रूप में सराहा और ताली बजाने वाले इमोटिकॉन्स के साथ अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं.

साइक्लोन दाना से नहीं हुआ कोई नुकसान

साइक्लोन दाना ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बुनियादी ढांचे को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाया, जबकि साइक्लोन तूफान के पहुंचने के बाद शुक्रवार (25 अक्टूबर, 2024) को उड़ान और रेल परिचालन फिर से शुरू हो गया, जिससे भारी बारिश हुई और पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए.

आईएमडी ने कहा कि भीषण साइक्लोन तूफान दाना ने शुक्रवार सुबह करीब 8.30 बजे दस्तक दी और इस तूफान को धरती तक पहुंचने में कम से कम साढ़े आठ घंटे लगे.

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