अब बच्चों को सरकार बनाएगी गेमिंग का गुरु, न्यू सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को कैबिनेट की मिली मंजूरी
New Centre 0f Excellence: एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी में देश को मजबूत बनाने के लिए सरकार न्यू सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCoE) की स्थापना करेगी, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.

New Centre 0f Excellence: दुनिया में एक्सीलेंस के बढ़ते दौर में भारत पीछे न रह जाए, इसके लिए केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. आने वाली पीढ़ी को एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) का मास्टर बनाने के लिए सरकार न्यू सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCoE) की स्थापना करेगी, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मुंबई में मंजूरी दे दी है. इसकी स्थापना आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर की जाएगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि इस केंद्र को अस्थायी रूप से इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर इमर्सिव क्रिएटर्स (IIIC) कहा जाएगा और यह हब और स्पोक मॉडल का पालन करेगा, जिसमें आईआईआईसी हब होगा और अन्य केंद्र इसके स्पोक होंगे.
बढ़ती क्रिएटर इकॉनमी पर लिया गया फैसला
अश्विनी वैष्णव ने देश में बढ़ती क्रिएटर इकॉनमी के बारे में बात करते हुए कहा, 'इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में नए विकास को नए अवसरों के सृजन के लिए दिशा देना है.' उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) इस संस्थान के लिए केंद्र सरकार के भागीदार होंगे.
प्रस्तावित राष्ट्रीय केंद्र देश में AVGC-XR पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और शौकिया और पेशेवर दोनों को विशेष प्रशिक्षण और शिक्षण प्रदान करेगा. इसका उद्देश्य भारतीय बौद्धिक संपदा का विकास करना है जो घरेलू और वैश्विक उपभोग दोनों के लिए भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठा सके.
अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'क्रिएटर इकॉनमी आज एक बहुत बड़ी और शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बन रही है. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि युवाओं को रोज़गार के नए अवसर देने के लिए बुनियादी ढांचे, उचित कौशल और नई तकनीकों का उपयोग कैसे किया जाए और इसलिए हम एक नया संस्थान स्थापित करेंगे, जहां इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.'
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि द लॉयन किंग, टॉप गन मेवरिक और आरआरआर जैसी फिल्मों में इस्तेमाल की गई बहुत सी तकनीक का इस्तेमाल मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद में वैश्विक क्षमता केंद्रों में किया गया है. उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में 5,00,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है.'