ऐसे होगी 15 अगस्त पर लाल किले की सुरक्षा? स्वतंत्रता दिवस से पहले ड्रिल में 'बम' नहीं पकड़ पाई पुलिस, 7 सस्पेंड
स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली के लाल किले में सुरक्षा ड्रिल के दौरान बड़ी चूक सामने आई. एक डमी बम बिना जांच के मुख्य द्वार से अंदर पहुंचा और कोई सुरक्षाकर्मी उसे पकड़ नहीं पाया. इस लापरवाही पर दिल्ली पुलिस ने 7 जवानों को सस्पेंड कर दिया है. घटना ने सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब इस मामले की जांच चल रही है और गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है.

देश में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के बीच दिल्ली के लाल किले से एक बेहद चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, लाल किले पर एक आंतरिक सुरक्षा ड्रिल के दौरान एक डमी बम (नकली विस्फोटक) को बिना किसी जांच या रोक-टोक के अंदर पहुंचा दिया गया और कोई भी सुरक्षाकर्मी उसे पहचान नहीं पाया.
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब 15 अगस्त को प्रधानमंत्री का भाषण लाल किले से होता है और देशभर की निगाहें इस स्थल पर होती हैं. इस सुरक्षा चूक के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. यह चूक न केवल सुरक्षा तंत्र की तैयारी पर सवाल उठाती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर असली खतरा होता, तो परिणाम कितने खतरनाक हो सकते थे. अब इस पूरे मामले की जांच चल रही है, लेकिन एक बार फिर यह साबित हो गया है कि कागज़ी तैयारियों और वास्तविक सतर्कता में कितना बड़ा अंतर हो सकता है.
सुरक्षा ड्रिल के दौरान हुआ बड़ी लापरवाही
दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही नियमित सुरक्षा ड्रिल के दौरान यह गंभीर चूक सामने आई. इस ड्रिल का मकसद यह जांचना था कि सुरक्षाकर्मी कितने सतर्क और तैयार हैं. लेकिन यह ड्रिल सुरक्षा एजेंसियों की पोल खोल गई, जब डमी बम को बिना रोके-टोके लाल किले के मुख्य द्वार से अंदर ले जाया गया.
कैसे हुई चूक, क्या था ड्रिल का उद्देश्य?
डमी बम को लेकर एक टीम को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह सुरक्षा जांच को पार कर लाल किले के भीतर दाखिल हो. इसका उद्देश्य यह परखना था कि कितनी सख्ती और सजगता से चेकिंग की जा रही है. मगर टीम बिना किसी रुकावट के आसानी से अंदर पहुंच गई, जो सुरक्षाकर्मियों की बड़ी चूक मानी जा रही है.
एंट्री प्वाइंट पर नहीं हुई कोई चेकिंग
जानकारी के अनुसार, लाल किले के जिस एंट्री प्वाइंट से डमी बम को अंदर ले जाया गया, वहां तैनात जवानों ने न तो कोई सवाल किया और न ही चेकिंग की. घटना की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 7 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही एक आंतरिक जांच समिति गठित की गई है, जो यह पता लगाएगी कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और इसमें कौन-कौन जिम्मेदार है.
15 अगस्त को लेकर बढ़ी चिंता
लाल किले पर हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और लाखों लोगों की निगाहें इस कार्यक्रम पर होती हैं. ऐसे में सुरक्षा में इस तरह की चूक से यह सवाल उठता है कि क्या हमारी तैयारियां वाकई भरोसेमंद हैं? क्या ऐसे में असली खतरे से निपटा जा सकता है? यह पहली बार नहीं है जब लाल किले की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हों. इससे पहले भी कई बार इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा में लापरवाही सामने आ चुकी है. 2021 में किसान आंदोलन के दौरान भी लाल किले की सुरक्षा पर उंगलियां उठी थीं.
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
मामला सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से इस पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिए हैं कि 15 अगस्त से पहले सभी सुरक्षा बिंदुओं की दोबारा समीक्षा की जाए और हाई अलर्ट मोड में तैनाती की जाए. यह घटना सिर्फ एक ड्रिल की असफलता नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि सुरक्षा व्यवस्थाओं में किस हद तक खामियां मौजूद हैं. अगर यह कोई असली हमला होता, तो परिणाम देश के लिए भयावह हो सकते थे. आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि जांच के बाद कौन-कौन अधिकारी घेरे में आते हैं और क्या भविष्य में इस तरह की लापरवाही रोकी जा सकेगी.