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तंबू में बैठे 'गुरुजी' ने गुप्त रोग के इलाज के नाम पर 48 लाख का लगाया चूना, हानिकारक दवा से इंजीनियर की किडनी हुई खराब

तंबू में बैठे एक कथित ‘गुरुजी’ ने गुप्त रोग ठीक करने का झांसा देकर एक इंजीनियर से 48 लाख रुपये ठग लिए गुरुजी ने जो दवाएं दीं, वे बेहद हानिकारक थीं, जिसके चलते पीड़ित इंजीनियर की किडनी गंभीर रूप से खराब हो गई ठगी और नुकसान का पता चलने पर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर जांच जारी है.

तंबू में बैठे गुरुजी ने गुप्त रोग के इलाज के नाम पर 48 लाख का लगाया चूना, हानिकारक दवा से इंजीनियर की किडनी हुई खराब
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 25 Nov 2025 5:20 PM IST

बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी जैसा मामला सामने आया है, जहां एक स्वघोषित आयुर्वेदिक हीलर ने सेक्सुअल समस्या का इलाज करने का दावा कर युवक को लाखों की कथित ‘चमत्कारी जड़ी-बूटियां’ और महंगे तेल बेच दिए पीड़ित का आरोप है कि इन दवाओं के सेवन से उसकी सेहत सुधरने के बजाय बिगड़ गई और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा

29 वर्षीय पीड़ित इंजीनियर ने ज्ञानभारती थाने में मामला दर्ज कराते हुए बताया कि उसे इलाज के नाम पर कुल 48 लाख रुपये खर्च करवा दिए गए पुलिस अब दुकान मालिक, कथित हीलर विजय गुरुजी और तंबू में बैठने वाले आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही है.

शादी के बाद शुरू हुई समस्या, तलाशा इलाज

शिकायतकर्ता के मुताबिक, मार्च 2023 में उसकी शादी हुई थी शादी के शुरुआती महीनों में उसे सेक्सुअल समस्याओं का सामना करना पड़ा वह केंगरी के एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल गया, जहां डॉक्टरों ने टेस्ट करवाए और दवाएं लिखीं इसी दौरान 3 मई को वह उल्लाल में लॉ कॉलेज के पास एक सड़क किनारे लगे आयुर्वेदिक तंबू पर पहुंचा, जहां “तुरंत समाधान” का दावा लिखा था

तंबू में बैठे शख्स ने फंसाया, कहा- 'विजय गुरुजी इलाज करेंगे'

इंजीनियर ने तंबू में मौजूद व्यक्ति को अपनी समस्या बताई, जिसने कहा कि “विजय गुरुजी” इसका तुरंत इलाज कर देंगे उसी शाम एक व्यक्ति आया और खुद को विजय गुरुजी बताया. विजय ने जांच के बाद कहा कि उसकी समस्या का समाधान सिर्फ एक “दुर्लभ जड़ी–बूटी देवराज बूटि” कर सकती है उसने दावा किया कि यह दवा सिर्फ यशवंतपुर की विजयलक्ष्मी आयुर्वेदिक मेडिसिन शॉप पर मिलती है और हरिद्वार से मंगाई जाती है.

'देवराज बूटि का एक ग्राम 1.6 लाख रुपये'

विजय ने पीड़ित को बताया कि दवा सिर्फ नकद में खरीदी जानी चाहिए और अकेले जाना जरूरी है, वरना “इसकी शक्ति खत्म हो जाएगी” इंजीनियर घर से नकद लेकर दुकान पहुंचा और दवा खरीद ली पीड़ित को बाद में 15 ग्राम का एक महंगा तेल भी खरीदने को कहा गया, जिसकी कीमत ₹76,000 प्रति ग्राम थी वह हर हफ्ते पत्नी और माता-पिता से उधार लेकर पैसे जुटाता रहा और कुल 17 लाख रुपये चुकाए.

लोन लेकर खरीदी और दवा, कुल 48 लाख रुपये गंवाए

विजय गुरुजी यहीं नहीं रुके उन्होंने युवक को अतिरिक्त 3 ग्राम देवराज बूटि और उसके बाद देवराज रसाबूटि नाम की एक नई दवा खरीदने के लिए कहा, जिसकी कीमत ₹2.6 लाख प्रति ग्राम थी बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लिया, दोस्तों से 10 लाख रुपये उधार लिए, कुल 48 लाख रुपये खर्च कर दिए.

किडनी खराब हुई, स्वास्थ्य बिगड़ा

हर दवा इस्तेमाल करने के बाद भी सुधार नहीं हुआ जब इंजीनियर ने मेडिकल टेस्ट करवाए तो रिपोर्ट में किडनी डैमेज सामने आया अब पीड़ित का आरोप है कि इन नकली आयुर्वेदिक दवाओं ने उसकी सेहत बर्बाद कर दी पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए विजय गुरुजी, दवा दुकान मालिक और उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिसने उसे तंबू से विजय के पास भेजा था पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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