रिक्शा चलाकर बिटिया को दी सपनों की उड़ान, लंदन जा रही पायल से कहा- जा दुनिया देख; एक ऑटोवाले बाप की चीख!
एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 हादसे में हिम्मतनगर की पायल खटीक की मौत हो गई. वह पहली बार फ्लाइट से विदेश जा रही थीं. उनके पिता सुरेशभाई एक ऑटो ड्राइवर हैं, जिन्होंने लोडिंग रिक्शा चलाकर बेटी को पढ़ाया और नौकरी तक पहुंचाया. हादसे की खबर से परिवार टूट गया है.

गुरुवार, 12 जून 2025 की दोपहर अहमदाबाद के आसमान में एक काली लकीर छोड़ गई, जब लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद भीषण हादसे का शिकार हो गई. इस विमान में 242 लोग सवार थे. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, उनमें से सिर्फ़ एक ही शख्स ज़िंदा बच पाया है. बाकी सभी की मौत हो चुकी है.
उन्हीं में से एक थीं पायल खटीक, एक साधारण लेकिन जुझारू परिवार की असाधारण बेटी. पायल की कहानी सिर्फ एक हादसे में मारे गए व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक पिता के सपनों, एक बेटी की मेहनत और एक टूटे हुए घर की त्रासदी है. पायल का परिवार मूल रूप से राजस्थान से है, लेकिन गुजरात के हिम्मतनगर में आकर बस गया. उनके पिता सुरेशभाई खटीक ने पूरी ज़िंदगी लोडिंग रिक्शा चलाकर गुज़ारी. उसी रिक्शे की कमाई से उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया, बड़ा किया और उस मुकाम तक पहुंचाया जहाँ वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थीं.
कंपनी की ओर से पायल जा रही थी लंदन
पायल को लंदन एक कंपनी के प्रोजेक्ट पर जाना था. यह उनकी ज़िंदगी की पहली हवाई यात्रा थी. घर से निकलते वक्त उन्होंने मां-पिता का आशीर्वाद लिया, और पिता ने गर्व से कहा था."जा बेटी, अब दुनिया देख. लेकिन यह उड़ान एक मंज़िल तक नहीं पहुंची. टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही विमान मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज की मेस और अतुल्यम हॉस्टल से टकरा गया. जोरदार धमाके के साथ विमान आग की चपेट में आ गया. चारों ओर सिर्फ धुआं, आग और मलबा रह गया.
जब टीवी पर खबर आई, तो सुरेशभाई का दिल बैठ गया. वे तुरंत अहमदाबाद के अस्पताल की ओर दौड़े, लेकिन उन्हें वहां अपनी बेटी नहीं मिली.मिली तो सिर्फ़ एक लिस्ट, जिसमें उनका नाम था. आज भी सुरेशभाई वही लोडिंग रिक्शा चला रहे हैं, लेकिन अब आंखों में सिर्फ़ खालीपन और दिल में पायल की यादें हैं. उनका कहना है, "मैंने उसे आसमान छूने भेजा था, सोचा था वो लौटेगी और बताएगी कि लंदन कैसा है... अब वो कभी नहीं लौटेगी.