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दिवगंत भारतीय शास्त्रीय गायक Pandit Jasraj की पत्नी Madhura का हुआ निधन

जाने माने भारतीत शास्त्रीय सिंगर पंडित जसराज की पत्नी मधुरा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया. मधुरा एक लेखिका और फिल्मकार थी. उन्होंने उन्होंने 1962 में संगीत उस्ताद पंडित जसराज से शादी थी. वह फिल्म निर्माता वी शांताराम की बेटी हैं.

दिवगंत भारतीय शास्त्रीय गायक Pandit Jasraj की पत्नी Madhura का हुआ निधन
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Image From Instagram : madhurapanditjasra
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 25 Sept 2024 5:11 PM IST

दिवंगत भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की पत्नी और लेखिका-फिल्मकार मधुरा पंडित जसराज का बुधवार को उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. 86 वर्षीय दिवगंत मधुरा के फैमिली स्पोकपर्सन ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया है कि उन्होंने मुंबई मुंबई स्थित आवास पर अंतिम सांस ली. मधुरा महान फिल्म निर्माता वी शांताराम की बेटी थीं. मधुरा और पंडित जसराज के दो बच्चे हैं, संगीत निर्देशक शारंग देव पंडित और टीवी हस्ती दुर्गा जसराज.

उनके फैमिली स्पोकपर्सन प्रीतम शर्मा द्वारा शेयर किए गए एक नोट के मुताबिक मधुरा का पार्थिव शरीर दोपहर में उनके अंधेरी स्थित आवास से ओशिवारा श्मशान घाट ले जाया जाएगा, जहां बुधवार को शाम 4 से 4:30 बजे के बीच उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मधुरा ने कई किताबें लिखीं, जिनमें 'वी शांताराम: द मैन हू चेंज्ड इंडियन सिनेमा' और 550 पन्नों की मराठी जीवनी 'शांताराम' शामिल हैं. बाद में, उन्होंने एक निर्देशक के रूप में भी काम किया, उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'आई तुझा आशीर्वाद' बनाई, जो एक मराठी पौराणिक नाटक था. उन्होंने 73 साल की उम्र में इस फिल्म का निर्देशन किया था - जो 2010 में रिलीज़ हुई थी.

ऐसी हुई थी मधुरा और जसराज की मुलाकात

मधुरा और पंडित जसराज की शादी 1962 में हुई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में पंडित जसराज ने मधुरा से अपनी पहली मुलाकात को याद किया था, जो 6 मार्च 1954 को एक कॉन्सर्ट में हुई थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें मधुरा से बात करने की सलाह दी गई थी, क्योंकि इससे उनका परिचय मधुरा के पिता से हो सकता था, जो उस समय 'झनक झनक' पायल बाजे फिल्म बना रहे थे.

मुंबई में हुआ प्यार

उन्होंने कहा था कि हम थोड़े समय के लिए मिले और 1960 तक, वह हर बार मुंबई में परफॉरमेंस देने पर उनसे मिला करते थें. इसके अलावा, हम किस तरह के कॉन्टैक्ट में नहीं थे क्योंकि उन दिनों फोन एक महंगा ऑप्शन था और चूंकि मैं शायद ही कभी स्कूल जाता था, इसलिए पत्र लिखना मेरे लिए नहीं था. पंडित जसराज ने बताया था कि वह 1960 में एक महीने के लिए बम्बई (मुंबई) रहे. इस दौरान उन्हें एक दूसरे से प्यार हो गया. पंडित जसराज का अगस्त 2020 में निधन हो गया. जसराज एक भारतीय शास्त्रीय गायक थे, जो मेवाती घराने से संबंधित थे. उनका संगीत करियर 75 वर्षों तक चला. जिसमें उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि, सम्मान और कई प्रमुख पुरस्कार मिलें.

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