Begin typing your search...

Oscar 2025 में शामिल हुए 'Jodha Akbar' इस लहंगे में इस्तेमाल हुए थे ये फैब्रिक, स्क्रीन शूट में लगे थे 9 महीने

लगभग 16 साल बाद आशुतोष गोवारिकर की पीरियड ड्रामा फिल्म 'जोधा अकबर' को एक नई उपलब्धि मिली है. फिल्म में नजर आया ऐश्वर्या राय बच्चन का आइकॉनिक लहंगा ऑस्कर 2025 में शामिल हुआ है.

Oscar 2025 में शामिल हुए Jodha Akbar इस लहंगे में इस्तेमाल हुए थे ये फैब्रिक, स्क्रीन शूट में लगे थे 9 महीने
X
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 26 Dec 2024 1:29 PM

साल 2008 में आशुतोष गोवारिकर (Ashutosh Gowariker) की पीरियड ड्रामा फिल्म 'जोधा अकबर' (Jodhaa Akbar) में ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan), ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan), सोनू सूद समेत कई दिग्गज कलाकार नजर आएं. इस फिल्म में जोधा का किरदार निभाकर ऐश्वर्या ने सिर्फ अपनी एक्टिंग का दम दिखाया बल्कि अपनी खूबसूरती से चार चांद लगा दिया.

वहीं इस फिल्म में उन्होंने रेड कलर का आइकॉनिक लहंगा पहना था जिसे डिजाइनर नीता लुल्ला ने तैयार किया था. इस लहंगे को एकेडमी म्यूजियम की कलर इन मोशन एक्सबिशन में रखा गया है. ऑस्कर अवार्ड के लिए फेमस एकेडमी ने हाल ही में अनाउंस किया है. एक वीडियो शेयर करते हुए एकेडमी ने लिखा, 'रानी के लिए सूटेबल लहंगा जो सिल्वर स्क्रीन के लिए डिज़ाइन किया गया था.'

नीता ने विरासत तैयार की है

उन्होंने आगे लिखा, 'जोधा अकबर (2008) में, ऐश्वर्या राय बच्चन का लाल शादी का लहंगा आंखों की चमक बढ़ाने में से एक है. जरदोज़ी कढ़ाई, सदियों पुरानी शिल्प कौशल, और एक छिपा हुआ रत्न - सचमुच. बारीकी से देखें और आपको भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर दिखाई देगा, जो पूरी तरह से गहनों से बना है. नीता लुल्ला ने कोई ऑउटफिट डिज़ाइन नहीं की उन्होंने एक विरासत तैयार की है.'

रिसर्च में लगे दो से तीन महीने

डिज़ाइनर ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ डिज़ाइन प्रोसेस के बारे में जानकारी शेयर की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि इस लहंगे को तैयार करने में क्लोथिंग प्रोडक्शन पर बहुत सारे रिसर्च हुए. नीता ने बताया कि इस लहंगे की रिसर्च में दो से तीन महीने का समय लगा था और इसे स्क्रीन पर शूट करने की पूरे प्रोसेस में लगभग नौ महीने लग गए थे. यह एक टीम प्ले था जहां मुझे न केवल निर्देशक आशुतोष, बल्कि कैमरा पर्सन के साथ भी बैठना पड़ा, यह इस बात पर निर्भर करता था कि वे किस प्रकार की रोशनी का इस्तेमाल करने जा रहे थे.

लहंगे में इस्तेमाल हुआ कॉटन और मल्स

उन्होंने कपड़ों और रंगों के केयरफुल सिलेक्शन के बारे में डिटेल से बताते हुए कहा, 'अगर आप पूरी फिल्म देखेंगे, तो आप देखेंगे कि पांच रंग हैं जो पूरे कछवा कबीले के लिए और पांच रंग पूरे मुगल कबीले के लिए इस्तेमाल किए गए हैं, और वहां हैं फिल्म में कोई छठा या सातवां रंग नहीं है. इसे बनाना कुछ ऐसा था जो बहुत सावधानी से किया गया था. कपड़ों का सिलेक्शन सावधानी से किया गया क्योंकि हम नेचुरल लाइट में शूटिंग कर रहे थे. हमें यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी कपड़ा जरूरत से ज्यादा चमक न जाए क्योंकि ज्यादा चमक उन ऑउटफिट को भड़कीला बना सकती थी. इसलिए, हम अपनी पसंद को लेकर बहुत सेलेक्टिव थे. हमने कॉटन और मल्स का इस्तेमाल किया और कपड़ों पर बहुत बढ़िया ज़री के काम के साथ ब्रोकेड जैसा अनुभव बनाने के लिए कढ़ाई को शामिल किया.'

ज्वेलरी में मोर के शेप

लुल्ला ने लहंगे में मोर शेप दिए जाने पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा, 'सभी लहंगों में जटिल काम था और यह राजस्थान होने पर विचार करते हुए, हमने उन लहगों को तैयार करने का सोचा था जो हम सभी को उस युग में ले जाने के लिए बिल्कुल सही थे. जहां तक ज्वेलरी की बात है, केवल ज्वेलरी में मोर के शेप शामिल है. अगर आप पूरी ऑउटफिट का इंस्पेक्शन करें, तो आप देखेंगे कि कपड़ों पर कोई एनिमल मोटिफ नहीं है, क्योंकि उस अवधि के दौरान उनका इस्तेमाल नहीं किया गया था. हमने आभूषणों में मोर तत्व को शामिल करने की स्वतंत्रता ली, क्योंकि मोर राजस्थान की प्राकृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग हैं.

अगला लेख