Begin typing your search...

कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर को कॉलर ठीक करने के ₹20,000! बॉलीवुड स्टार्स के बढ़ते खर्च पर छिड़ी बहस, प्रोड्यूसर्स भी हो चुके हैं परेशान

इससे पहले भी कई बड़ी हस्तियां इस मुद्दे पर खुलकर बोल चुकी हैं. निर्देशक अनुराग कश्यप, शूजित सरकार और धर्मा कॉर्नरस्टोन एजेंसी के सीओओ राजीव मसंद जैसे लोग पहले ही कह चुके हैं कि एक्टर्स और उनकी टीमों के कारण फिल्म बजट बेवजह रूप से बढ़ रहे हैं.

कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर को कॉलर ठीक करने के ₹20,000! बॉलीवुड स्टार्स के बढ़ते खर्च पर छिड़ी बहस, प्रोड्यूसर्स भी हो चुके हैं परेशान
X
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 7 Aug 2025 10:33 AM

बॉलीवुड में इन दिनों एक बड़ा मुद्दा चर्चा में है स्टार्स के बढ़ते खर्च और उनके साथ आने वाली भारी-भरकम टीम यानी 'एंटॉरेज'. कई फिल्ममेकर और प्रोड्यूसर लगातार शिकायत कर रहे हैं कि आजकल के कलाकार अपने साथ ज़रूरत से ज़्यादा लोग लेकर चलते हैं, जिनका फिल्म या शूट से कोई सीधा लेना-देना नहीं होता, लेकिन उनकी फीस प्रोड्यूसर्स को ही देनी पड़ती है. इसी विषय पर अब फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने भी अपनी राय दी है.

उन्होंने एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक बार एक बड़े एक्टर के कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर ने केवल कॉलर ठीक करने के लिए 20,000 रुपये ले लिए थे!. कोमल नाहटा, फ़रीदून शहरयार के यूट्यूब चैनल पर बातचीत कर रहे थे, जहां उन्होंने कहा, 'एंटॉरेज फिल्म की कहानी या क्रिएटिव हिस्से में दखल नहीं देता. लेकिन यह फिल्म की लागत बढ़ा देता है और शूटिंग के दौरान परेशानी खड़ी कर देता है. एंटॉरेज किसी अच्छी फिल्म को खराब नहीं बना सकता, लेकिन ये पैसा बर्बाद ज़रूर करता है.'

छोटे से काम के लिए बीस हजार

उन्होंने एक घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे एक बार एक सुपरस्टार किसी इवेंट में 8 से 9 लोगों के साथ पहुंचे थे. वो एक्टर पहले ही पूरी तैयारी के साथ आया सूट पहनकर, फ्लाइट से उतरा और सीधे इवेंट पर आ गया. उसके साथ कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर, सोशल मीडिया मैनेजर, फोटोग्राफर, दो बॉडीगार्ड और अन्य लोग थे. जबकि ऑर्गनाइजरों ने पहले ही सुरक्षा, हेयरड्रेसर और मेकअप आर्टिस्ट की व्यवस्था कर रखी थी. कोमल बताते हैं, 'कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर ने उस एक्टर का बस कॉलर ठीक किया… और ऑर्गनाइजरों को उसे 20,000 रुपये देने पड़े. यानि, सिर्फ़ एक छोटी सी चीज़ के लिए इतनी बड़ी रकम!.

बस अब बहुत हो गया

इससे पहले भी कई बड़ी हस्तियां इस मुद्दे पर खुलकर बोल चुकी हैं. निर्देशक अनुराग कश्यप, शूजित सरकार और धर्मा कॉर्नरस्टोन एजेंसी के सीओओ राजीव मसंद जैसे लोग पहले ही कह चुके हैं कि एक्टर्स और उनकी टीमों के कारण फिल्म बजट बेवजह रूप से बढ़ रहे हैं. राजीव मसंद ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अगर हेयर और मेकअप आर्टिस्ट को फिल्म के एडिटर या राइटर से ज़्यादा पैसा दिया जा रहा है, तो ये एक गंभीर समस्या है. कलाकारों को अपनी लिमिट्स तय करनी होंगी, लेकिन असल ज़िम्मेदारी प्रोड्यूसर्स की है. उन्हें एकजुट होकर कहना होगा अब बहुत हो गया!.

यह एक्टर्स रख चुके हैं अपना पक्ष

कुछ एक्टर्स ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष साफ़ किया है. कृति सेनन ने स्वीकार किया कि हेयर, मेकअप और कॉस्ट्यूम का किरदार के निर्माण में बड़ा रोल होता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी माना कि कई बार एक्टर्स के साथ बिना मतलब के लोग जुड़ जाते हैं. कृति ने कहा, 'हमें इस पर ध्यान देना चाहिए कि हर चीज़ जरूरी हो, सिर्फ़ दिखावे के लिए न हो.' जॉन अब्राहम ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि कुछ एक्टर्स फिल्म पर अपनी लागत को ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ा देते हैं.

उन्होंने कहा, 'ये बिल्कुल बेवकूफी है...पता नहीं ऐसा एक्टर्स खुद सोचते हैं या उनके एजेंट उन्हें भ्रम में डालते हैं पर इतनी भी नासमझी नहीं होनी चाहिए असली दुनिया को समझना ज़रूरी है.' जैकी श्रॉफ ने भी माना कि कलाकारों के पास जरूरत से ज़्यादा लोग होते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह हर एक्टर की अपनी पसंद होती है.' वह बोले, 'मैं आमतौर पर सिर्फ़ एक स्पॉटबॉय के साथ ट्रैवल करता हूं। लेकिन हां, अगर कोई और ज़्यादा लोगों के साथ काम करता है तो उन्हें पहले ही क्लियर कर देना चाहिए कि उनकी क्या ज़रूरतें हैं.'

अगला लेख