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घर के बर्तनों से बजाते थे धुन...तबला वादक जाकिर हुसैन के पढ़ें पांच अनसुने किस्से

जाने-माने तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार ने इस दुखद खबर की पुष्टि की. उनके नाम से जुड़ी कुछ विशेष बातें जो उन्हें आम संगीतकारों से अलग बनाती हैं. संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद, जाकिर हुसैन ने 1989 में फिल्मी करियर की शुरुआत की.

घर के बर्तनों से बजाते थे धुन...तबला वादक जाकिर हुसैन के पढ़ें पांच अनसुने किस्से
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( Image Source:  social media )

फेमस तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार ने इस दुखद खबर की पुष्टि की. जाकिर हुसैन का जीवन संगीत और कला से भरपूर था, जिसमें कुछ ऐसी कहानियां शामिल हैं, जो बहुत कम लोग जानते हैं. उनके जीवन का सफर सादगी और शानदार टेलेंट से भरा था. उनके नाम से जुड़ी कुछ विशेष बातें जो उन्हें आम संगीतकारों से अलग बनाती हैं, नीचे दी जा रही हैं, एक बार उन पर नजर जरूर डालें.

1- मूल नाम था कुरैशी

उस्ताद जाकिर हुसैन का मूल नाम "कुरैशी" था. वह एक संगीतज्ञ परिवार में जन्मे थे, लेकिन बाद में अपने पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा के नाम की तरह उन्होंने हुसैन उपनाम अपनाया. यह बदलाव उनके संगीत के प्रति गहरे जुड़ाव और अपनी कला के प्रति सम्मान को दर्शाता है.

2- बचपन से ही टैलेंटेड

जाकिर हुसैन की संगीत यात्रा बहुत ही कम उम्र में शुरू हो गई थी. जब वह केवल सात साल के थे, तब उन्होंने अपनी पहली पब्लिक परफॉर्मेंस दी थी. उनकी विशेष तबला प्रतिभा ने उन्हें सिर्फ 11 साल की उम्र में भारत और विदेशों में संगीत की प्रस्तुतियां देने का अवसर दिलाया. यह उनकी महान संगीत यात्रा की शुरुआत थी. वह घर के बर्तनों से बजाते थे धुन.

3- फिल्मी दुनिया में कदम

संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद, जाकिर हुसैन ने 1989 में फिल्मी करियर की शुरुआत की. उन्होंने ब्रिटिश ड्रामा फिल्म हीट एंड डस्ट में अभिनय किया और इसके साउंडट्रैक को भी तैयार किया. इस कदम से यह साफ हो गया कि वे सिर्फ एक तबला वादक नहीं, बल्कि एक बहुमुखी कलाकार भी थे.

4- व्हाइट हाउस

2010 में, जाकिर हुसैन को व्हाइट हाउस में प्रदर्शन करने का ऐतिहासिक निमंत्रण मिला. वह पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा इस सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया था. यह अवसर उनके संगीत को दर्शाता है और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी पूरी दुनिया में प्रस्तुत करता है.

5- कथक डांसर से की शादी

1978 में, जाकिर हुसैन ने इतालवी-अमेरिकी कथक डांसर एंटोनिया मिनेकोला से शादी की. यह विवाह दो अलग-अलग संस्कृतियों के खूबसूरत मेल का प्रतीक था. भारतीय शास्त्रीय संगीत और कथक डांसर के साथ ने उनकी कला को और भी शानदार बनाया. इस दंपति को दो बेटियों का आशीर्वाद मिला, जो उनकी कलात्मक धरोहर को आगे बढ़ा रही हैं.

उस्ताद जाकिर हुसैन की महान विरासत

उस्ताद जाकिर हुसैन का योगदान सिर्फ उनके पुरस्कारों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी कला और संगीत ने उन्हें दुनिया भर में एक पहचान दिलाई. पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित होने के बावजूद, उनकी सच्ची विरासत उनके संगीत प्रेमियों और साथियों के दिलों में जीवित रहेगी.

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