फर्श पर गिरी एक तस्वीर ने बदल दी थी Smita Patil की किस्मत, ऐसे मिली थी पहली फिल्म
13 दिसंबर, 1986 को 31 साल की उम्र में स्मिता पाटिल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. निधन के 15 दिन पहले उन्होंने बेटे को जन्म दिया था. हालांकि एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले वह एक न्यूज एंकर थी.

स्मिता पाटिल (Smita Patil) हिंदी सिनेमा उन एक्ट्रेस में से हैं जिन्होंने मेनस्ट्रीम और पैरेलल सिनेमा दोनों में एक अहम छाप छोड़ी. उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1955 को पुणे, भारत में हुआ था और 13 दिसंबर, 1986 को 31 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. पाटिल को कई फिल्मों में उनके स्ट्रांग एक्टिंग के लिए याद किया जाता है, जिसमें उनकी वर्सेटिलिटी का प्रदर्शन हुआ.
वह सामाजिक मुद्दों से जुड़ी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी गईं, जिनमें अक्सर मजबूत और स्वतंत्र महिलाओं का किरदार दिखाया गया. उन्हें 'भूमिका', 'चक्र', 'अर्ध सत्य' और 'निशांत' जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग का जलवा दिखाया है. लेकिन फिल्मों की दुनिया में उनका आना इतना भी आसान नहीं था. एक्ट्रेस से पहले वह दूरदर्शन की न्यूज एंकर थी. आइये नजर डालते हैं उनके उस सफर पर कि आखिर वह हिंदी सिनेमा का हिस्सा कैसे बनी.
एक न्यूज एंकर थी स्मिता
बहुत कम लोग जानते होंगे कि अपनी एक्टिंग और खूबसूरती से लोगों के दिलों पर राज करने वाली स्मिता पाटिल पहले एक न्यूज एंकर थी. वह दूरदर्शन में मराठी समाचार पढ़ती थी. लेकिन तब एक्ट्रेस को नहीं पता था कि एंकरिंग की ये राह उन्हें बॉलीवुड तक ले जाएगी. दरअसल जो कहानी हम आपको बता रहे हैं. इसका जिक्र स्मिता पाटिल की बायोपिक 'स्मिता पाटिल ए ब्रीफ इन्कैंडेसेंस' में किया गया है.
एक तस्वीर ने बदली किस्मत
एक्ट्रेस की बयोपिक के मुताबिक दीपक किरपेकर नाम के फोटोग्राफर ने पाटिल की कुछ तस्वीरें क्लिक थी. जिसे वह दूरदर्शन लेकर गए थें, तभी स्मिता की एक तस्वीर जमीन पर गई जैसे ही दीपक उसे उठाने लगे तो मुंबई दूरदर्शन के डायरेक्टर पीवी कृष्णमूर्ति की नजर स्मिता की तस्वीर पर पड़ी और उन्होंने दीपक से पूछा, 'ये किसी तस्वीर है?' इसके बाद कृष्णमूर्ति ने स्मिता पाटिल से मिलने की इच्छा जताई. जब उनकी मुलाकात उनसे हुई तो उन्होंने स्मिता से एंकरिंग के बारे में बात की, लेकिन एक्ट्रेस न्यूज एंकरिंग के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन फिर काफी समझाने के बाद उन्होंने ऑडिशन में बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार शोनार बांग्ला' गाया. एक्ट्रेस की आवाज सुनते ही डायरेक्टर ने उन्हें न्यूज एंकर बनाने का फैसला कर लिया और स्मिता दूरदर्शन के मराठी न्यूज एंकर बन गई.
श्याम बेनेगल की मिली पहली फिल्म
स्मिता न्यूज एंकर तो बन गई थी लेकिन उनकी आवाज और उनकी खूबसूरती ने जाने-माने दिवगंत फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल को खूब प्रभावित किया था. उन्हें टीवी पर देखते ही बेनेगल ने फैसला कर लिया था कि वह उन्हें अपनी अगली फिल्म में जरूर लेंगे. स्मिता, श्याम बेनेगल की 'चरणदास चोर' में नजर आईं. लेकिन उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान 'निशांत' से मिली. इसके बाद 70 और 80 के दशक में स्मिता का डंका बजा और उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया.
स्मिता पर लगा था घर तोड़ने का आरोप
अपने सफल फिल्मी करियर के दौरान स्मिता को घर तोड़ने के आरोप से भी गुजरना पड़ा क्योंकि एक्ट्रेस शादीशुदा राज बब्बर के प्यार में पड़ गई थी. राज बब्बर की पहले शादी नादिरा बब्बर से हुई थी. दोनों के दो बच्चें हैं जूही बब्बर और आर्य बब्बर. हालांकि जब स्मिता और राज 1982 में आई फिल्म 'भींगी पलकें' के सेट पर तो पहली नजर में ही राज उनपर अपना दिल हर बैठे थे. उन्होंने पहली पत्नी के होते हुए स्मिता से शादी से रचा ली. एक्ट्रेस की मां समेत कई महिलाएं उनके खिलाफ हो गई. खुद उनके मां इस शादी से बेहद नाराज रही और उन्होंने कहा कि आखिर कैसे महिलाओं के लिए लड़ने वाली उनकी बेटी ने किसी औरत का घर तोड़ दिया। उस दौर में स्मिता को होम ब्रेकर टैग दिया गए. बता दें कि साल 1986 में स्मिता ने बेटे प्रतिक बब्बर को जन्म देने के 15 दिन बाद उनका निधन हो गया.