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कौन हैं रागिनी दास? जिन्‍हें Google ने 12 साल पहले कर दिया था रिजेक्‍ट, आज उसी ने दी यह बड़ी जिम्‍मेदारी

गूगल ने भारतीय उद्यमी और Leap.club की सह-संस्थापक रागिनी दास को Head of Google for Startups India नियुक्त किया है. 2013 में गूगल में असफल रहने के बाद रागिनी ने Zomato में छह साल तक काम किया और बाद में Leap.club शुरू किया. अब वे गूगल में देशभर के स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन और नेटवर्किंग सपोर्ट देंगी. रागिनी की कहानी संघर्ष, दृढ़ता और सफलता की प्रेरणादायक मिसाल है.

कौन हैं रागिनी दास? जिन्‍हें Google ने 12 साल पहले कर दिया था रिजेक्‍ट, आज उसी ने दी यह बड़ी जिम्‍मेदारी
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( Image Source:  X/@AscendantsDotIn )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 7 Oct 2025 9:05 AM IST

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक प्रेरक कहानी ने सबका ध्यान खींचा है. उद्यमी रागिनी दास (Ragini Das), जिन्होंने कभी गूगल में नौकरी पाने की कोशिश की थी पर अंतिम राउंड में चयन नहीं हो पाया, अब उसी कंपनी में Head of Google for Startups - India बन गई हैं. रागिनी, महिलाओं के लिए बने नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म Leap.club की को-फाउंडर रही हैं, जिसने हजारों महिलाओं को करियर और लीडरशिप के अवसर दिए. उन्होंने इस नई भूमिका की घोषणा करते हुए लिखा - “Life has come full circle.”

रागिनी अब देशभर के शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को सही दिशा, संसाधन और नेटवर्क प्रदान करने पर काम करेंगी. उनका यह सफर दिखाता है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि सफलता की तैयारी होती है. एक दशक में उन्होंने अपनी पहचान ‘जॉब सीकर’ से बदलकर ‘लीडर ऑफ इनोवेशन’ के रूप में स्थापित की है.

कौन हैं रागिनी दास?

रागिनी दास भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक जाना-माना नाम हैं. उन्होंने महिलाओं पर केंद्रित प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म Leap.club की सह-संस्थापक (Co-founder) के रूप में पहचान बनाई. यह प्लेटफॉर्म 2020 में लॉन्च हुआ था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को करियर ग्रोथ, नेटवर्किंग और लीडरशिप अवसरों से जोड़ना था.

Leap.club के ज़रिए हजारों महिलाओं को अपने पेशेवर जीवन में दिशा मिली. रागिनी ने इस प्लेटफॉर्म के बारे में लिखा था, “Leap.club gave me purpose, identity, and changed lives for thousands of women.”

हालांकि, इस साल की शुरुआत में Leap.club ने अपने ऑपरेशंस अस्थायी रूप से रोक दिए, जिसके बाद रागिनी ने कुछ समय का ब्रेक लिया. इस दौरान उन्होंने अपने पालतू कुत्ते ‘जिम्मी’ के साथ यात्रा की, व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स पर काम किया और आत्म-चिंतन का समय लिया.

गूगल तक का सफर

रागिनी का करियर 2013 में शुरू हुआ जब उन्होंने गूगल और जोमैटो (Zomato) - दोनों कंपनियों में इंटरव्यू दिए. गूगल में चयन न होने के बावजूद, उन्हें जोमैटो में नौकरी मिली, जहां उन्होंने लगभग छह साल तक विभिन्न भूमिकाओं में काम किया - सेल्स, ग्रोथ और इंटरनेशनल एक्सपेंशन तक.

वह कहती हैं, “जोमैटो ने मुझे यह समझने में मदद की कि मेरे करियर की असली ताकत क्या है. इसने मुझे आजीवन दोस्त दिए, सीखने का बेहद चुनौतीपूर्ण अनुभव दिया, और वह धैर्य व आत्मविश्वास भी सिखाया, जिसकी बदौलत मैं आगे बढ़कर Leap.club की सह-संस्थापक बन सकी.”

जोमैटो के बाद उन्होंने Trident Group India के साथ भी काम किया और करियर के शुरुआती दिनों में Standard Chartered Bank व Aludecor में इंटर्नशिप की थी.

Google में नई भूमिका

अब गूगल में अपनी नई भूमिका के तहत रागिनी भारत में शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स (early-stage startups) की मदद करेंगी. वह उन्हें सही संसाधनों, नेटवर्क और मेंटर्स से जोड़ेंगी ताकि वे तेजी से आगे बढ़ सकें. उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, “हमारा उद्देश्य दुनिया भर के उभरते स्टार्टअप्स को सही लोगों, उत्पादों और सर्वोत्तम तरीकों से जोड़कर उनका विकास और विस्तार करने में मदद करना है.”

रागिनी ने बताया कि यह रोल उनके अनुभव और जुनून के बिल्कुल अनुरूप है. उन्होंने कहा, “यह भूमिका 0 से 10 की यात्रा, फाउंडर्स और अब तक मैंने जो कुछ भी बनाया है - उन सबके संगम पर स्थित है. इसे देखकर मुझे सचमुच लगा मानो यह मेरी किस्मत में ही लिखा था.”

शिक्षा और शुरुआती जीवन

रागिनी दास ने Lancaster University से Bachelor of Business Administration (BBA) में फर्स्ट क्लास ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन किया है. उनकी स्कूली शिक्षा Chettinad Vidyashram, चेन्नई से हुई, जहां वे Cultural Secretary भी रही थीं - यह बताता है कि नेतृत्व की भूमिका उनके जीवन का हिस्सा बहुत पहले से रही है.

महिला उद्यमियों की आवाज़

कॉर्पोरेट दुनिया से परे भी रागिनी दास महिलाओं की आवाज़ को मज़बूती से आगे बढ़ा रही हैं। वह FICCI (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry) की वुमन इन स्‍टार्टप्‍स कमेटी की चेयर हैं. इस भूमिका में वह महिला उद्यमियों को पूंजी तक पहुंच और स्टार्टअप इकोसिस्टम में दृश्यता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं.

एक प्रेरक सफर

रागिनी दास की कहानी सिर्फ करियर सफलता की नहीं, बल्कि दृढ़ता और आत्मविश्वास की मिसाल है. एक दशक पहले जिस कंपनी में चयन नहीं हुआ, आज उसी कंपनी में वह नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं. उनकी यात्रा इस बात की याद दिलाती है कि हर असफलता दरअसल एक भविष्य की सफलता की नींव होती है.

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