भारत में इनवेस्टमेंट के लिए सोना बन रहा पहली पसंद, सितंबर तिमाही में 83 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश, WGC की रिपोर्ट में खुलासा
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तिमाही में भारत में सोने में रिकॉर्ड 10 अरब डॉलर यानी 83000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ. बढ़ती कीमतों के बावजूद निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति माना. ज्वेलरी से ज्यादा अब इन्वेस्टमेंट-ड्रिवन खरीदारी का चलन बढ़ा है. वैश्विक स्तर पर भी सोने की मांग 1,313 टन तक पहुंची, जिसमें 524 टन निवेश मांग रही. WGC का अनुमान है कि आने वाले महीनों में भारत में यह रुझान और तेज़ होगा.
 
  भारत में सोने की कीमतों में तेज उछाल के बीच निवेशकों ने इस कीमती धातु में अभूतपूर्व भरोसा जताया है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 की तिमाही में भारतीय निवेशकों ने सोने की बार और सिक्कों में करीब 10 अरब डॉलर (लगभग ₹83,000 करोड़) का निवेश किया. यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है, जिसने देश में सोने की कुल खपत में निवेश हिस्सेदारी को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
WGC इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने कहा कि सोना अब केवल गहनों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक मुख्य निवेश वर्ग (mainstream asset class) के रूप में उभर रहा है. उन्होंने कहा, “अब वे लोग भी सोने में निवेश कर रहे हैं, जिनका पहले इस क्षेत्र से कोई खास जुड़ाव नहीं था. हमें विश्वास है कि आने वाले तिमाहियों में यह रुचि और बढ़ेगी.”
उन्होंने बताया कि वर्ष की शुरुआत में सोने की ऊंची कीमतों के चलते आभूषणों की मांग थोड़ी कमजोर रही थी, लेकिन त्योहारों और शादी के सीजन ने बाजार में नई ऊर्जा भर दी. इस दौरान निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित विकल्प के रूप में अपनाया, जिससे “ऑर्नामेंटल बाइंग” की जगह “इन्वेस्टमेंट-ड्रिवन बाइंग” का चलन तेज़ी से बढ़ा है.
दुनिया भर में बढ़ रही सोने की मांग
WGC की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर भी सितंबर तिमाही ऐतिहासिक रही, जहां कुल सोने की मांग 1,313 टन तक पहुंच गई - जो अब तक की सबसे अधिक दर्ज की गई मांग है. इसमें से 524 टन केवल निवेश मांग के रूप में रही, जो इस बात का संकेत है कि आर्थिक अनिश्चितता और शेयर बाजारों में अस्थिरता के दौर में निवेशक सोने को एक भरोसेमंद सुरक्षित ठिकाने के रूप में देख रहे हैं.
भारतीय बाजार में बदलाव का संकेत
भारत, जो पारंपरिक रूप से दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता रहा है, अब तेजी से एक “निवेश-प्रेरित बाजार” में बदल रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की अस्थिरता ने भारतीय निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है. इसके साथ ही डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे आधुनिक विकल्पों ने भी युवाओं और शहरी निवेशकों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाई है.
आने वाले महीनों का पूर्वानुमान
WGC का मानना है कि भारत में यह रुझान आने वाले महीनों में भी जारी रहेगा, क्योंकि नवंबर-दिसंबर के शादी और त्योहारी मौसम में खरीदारी चरम पर होती है. इसके अलावा, 2026 की पहली तिमाही में ब्याज दरों में संभावित कटौती और डॉलर के कमजोर पड़ने से सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है, जिससे निवेश की मांग और मजबूत होगी.







