दशकों बाद बड़ा बदलाव! शेयर बाजार में पहली बार दोपहर में हुई दिवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग, जानें क्यों लिया गया ये फैसला
इस बार दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग में इतिहास बन गया है. NSE और BSE ने पहली बार ट्रेडिंग का शुभ सत्र दोपहर 1:45 से 2:45 बजे के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया है. संवत 2082 की शुरुआत के साथ यह कदम परंपरा और तकनीक के मेल का प्रतीक है. जानें क्यों बदला समय, क्या है ऐतिहासिक महत्व और किन सेक्टर्स में दिख सकती है तेजी.

भारत के शेयर बाजारों में इस दिवाली एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है. दशकों पुरानी परंपरा को बदलते हुए अब मुहूर्त ट्रेडिंग शाम की बजाय दोपहर में आयोजित किया जा रहा है. संवत 2082 की शुरुआत का प्रतीक यह शुभ अवसर अब आधुनिक जरूरतों और दक्षता को ध्यान में रखते हुए एक नए समय स्लॉट में होगा.
अब तक मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन हर साल दिवाली की शाम को किया जाता था, लेकिन इस बार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने इसे दोपहर के समय रखा है. यह सत्र दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक चलेगा, जबकि प्री-ओपन और ब्लॉक डील चरण क्रमशः 1:15 बजे से शुरू होंगे. इस निर्णय को कई निवेशक परंपरा और तकनीकी सुधार के संगम के रूप में देख रहे हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स 642.84 अंक के साथ 84,595.03 पर और निफ़्टी 80.85 अंक के साथ 25,924.00 पर खुला. और सेंसेक्स 358.27 अंक उछलकर 84,310.45 और निफ़्टी 16.90 अंक गिरकर 25,826.25 पर बंद हुआ.
क्यों बदला गया समय?
आज यानी मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को जब देशभर में दीपावली मनाई जा रही है, तभी यह विशेष ट्रेडिंग सत्र संवत 2082 की शुरुआत का संकेत भी देगा. दिवाली के दिन सामान्य बाजार बंद रहते हैं, लेकिन यह एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन निवेशकों के लिए साल की सबसे शुभ शुरुआत मानी जाती है.
क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग का मतलब?
‘मुहूर्त’ शब्द स्वयं शुभ समय का प्रतीक है. ऐसा समय जब ग्रह-नक्षत्र सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं और आर्थिक निर्णय फलदायी माने जाते हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग इसी शुभ भावना पर आधारित परंपरा है, जिसमें व्यापारी और निवेशक नए वित्त वर्ष की शुरुआत स्टॉक्स में निवेश के साथ करते हैं, ताकि आने वाला साल समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए.
कब शुरू हुई थी यह परंपरा?
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने की थी. इसके बाद 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इस परंपरा को अपनाया. तब से हर साल दिवाली के मौके पर यह विशेष एक घंटे का ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया जाता है. इससे पहले व्यापारी अपने बहीखाते की पूजा यानी ‘चोपड़ा पूजन’ करके नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते थे.
बाजार की स्थिति और निफ्टी का रुझान
निफ्टी50 का 14-दिवसीय आरएसआई (Relative Strength Index) इस समय 71.8 पर है, जो मजबूत तेजी का संकेत देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार में उछाल देखने को मिल सकता है. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रणनीतिकार आनंद जेम्स के मुताबिक, यदि ऐतिहासिक रुझान दोहराए गए तो निफ्टी 25,900 तक पहुंच सकता है.
किन सेक्टर्स पर रहेगी नजर?
पिछले एक दशक में 80% मौकों पर मुहूर्त ट्रेडिंग में निफ्टी50 बढ़त के साथ बंद हुआ है. इस बार भी मिडकैप, स्मॉलकैप और सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकारी बैंकिंग शेयरों में 9% तक की बढ़त हो सकती है, जबकि मेटल सेक्टर में अगले महीने तक 8.5% तक उछाल की संभावना है.
जल्दबाजी में न लें फैसला
हालांकि निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए. रियल एस्टेट और फार्मा सेक्टर में ऐतिहासिक रूप से मुहूर्त के बाद गिरावट दर्ज की गई है. इसलिए इस सेशन में निवेश के समय विवेकपूर्ण रणनीति अपनाना आवश्यक होगा. विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संतुलित करें ताकि आने वाले संवत में अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके.