ताइवान को T-Dome की क्यों पड़ी जरूरत? जानें कैसा होगा ये डिफेंस सिस्टम, क्या बदल देगा एशिया की सुरक्षा तस्वीर?
एशिया में बढ़ते तनाव और चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों के बीच ताइवान अपनी सुरक्षा को लेकर अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गया है. इसी रणनीतिक तैयारी के तहत ताइवान ने T-Dome नाम के एक अत्याधुनिक मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित करने की योजना शुरू की है.;
एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच सुरक्षा अब सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आसमान भी जंग का मैदान बन चुका है. मिसाइलें, ड्रोन और रॉकेट सिस्टम भविष्य के युद्ध के हथियार हैं और इन्हें रोकने के लिए अब हर देश अपनी ढाल तैयार कर रहा है. इजराइल के पास आयरन डोम है, अमेरिका गोल्डन डोम पर काम कर रहा है और भारत के पास सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम है.
अब इसी कड़ी में ताइवान ने भी घोषणा की है कि वह अपना बहुस्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम टी-डोम विकसित कर रहा है. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने यह साफ संदेश दिया कि चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए ताइवान अब सिर्फ इंतजार नहीं करेगा, बल्कि अपनी सुरक्षा खुद तय करेगा. उन्होंने कहा कि टी-डोम एक हाई-टेक मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम होगा, जो देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करेगा और दुश्मन की हर चाल का जवाब देगा. चलिए जानते हैं आखिर ताइवान को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
ताइवान को T-Dome की क्यों ज़रूरत पड़ी?
ताइवान पिछले कई सालों से चीन के दबाव में जी रहा है. चीन उसे अपना हिस्सा बताता है और आए दिन उसके आसमान और समुद्र में घुसपैठ करता है.
- पिछले एक साल में चीन ने ताइवान के आसपास 1100 से ज्यादा सैन्य विमान भेजे.
- लगातार मिसाइल अभ्यास कर ताइवान को धमकाने की कोशिश की.
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ताइवान को अलग-थलग करने का प्रयास.
साफ है कि ताइवान को अपनी सुरक्षा को लेकर अब कठोर कदम उठाने की जरूरत थी. यही वजह है कि उसने अपनी रक्षा रणनीति में एयर डिफेंस फर्स्ट का मंत्र अपनाया और टी-डोम के निर्माण का ऐलान कर दिया.
क्या है T-Dome?
T-Dome एक हाई लेवल डिटेक्शन और इफेक्टिव इंटरसेप्शन डिफेंस सिस्टम है. इस पर कई विशेषज्ञों का मानना है कि T-Dome की रूपरेखा इज़राइल के आयरन डोम के मॉडल से प्रेरित होगी. राष्ट्रपति के करीबी एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्देश्य एक और अधिक सक्षम एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करना है जिसकी इंटरसेप्शन क्षमता यानी लक्ष्य भेदने की दर कहीं अधिक हो.
क्या T-Dome बदल देगा एशिया की सुरक्षा तस्वीर?
चीन के खिलाफ ताइवान का यह कदम साफ संकेत देता है कि वह अब हार मानने को तैयार नहीं. टी-डोम आने के बाद:
- ताइवान के ऊपर हवाई हमला करना मुश्किल होगा.
- चीन की ताइवान पर जीत कठिन हो जाएगी.
- एशिया में नई रक्षा तकनीक की रेस शुरू हो जाएगी.