ट्रंप ने PAK को क्यों कहा शुक्रिया? कहानी उस 'नायाब हीरे' की, जिसे अमेरिका को सौंप कर 'शरीफ' बन गया पाकिस्तान

अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि, आज मुझे यह एलान करते हुए खुशी हो रही है कि हमने उस अत्याचारी आतंकवादी को पकड़ लिया है और वह अमेरिका न्याय की कठोर तलवार का सामना करने के लिए यहां आ रहा है इसके लिए पाकिस्तान का धन्यवाद करना चाहता हूं.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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चार साल पहले अफगानिस्तान में जिस आतंकी ने अमेरिका को गहरा जख्म दिया था, उसे ट्रंप प्रशासन ने आखिरकार ढूंढ निकाला है. 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए घातक बम धमाकों के मास्टरमाइंड को अमेरिका ने अपनी हिरासत में ले लिया है, इस बात की पुष्टि खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है. मंगलवार रात (स्थानीय समयानुसार), ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए इस महत्वपूर्ण कार्रवाई की घोषणा की.

उन्होंने कहा कि काबुल हमले के जिम्मेदार आतंकी को पकड़ लिया गया है और जल्द ही उसे अमेरिका लाया जाएगा. गौरतलब है कि 2021 में हुए इस आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई थी, जिससे अमेरिका को बड़ा झटका लगा था. अपने संबोधन में ट्रंप ने पाकिस्तान का भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया, जिससे यह सवाल उठता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? तो आइए जानते हैं.

ट्रंप ने क्या कहा पाकिस्तान का शुक्रिया?

अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि, आज मुझे यह एलान करते हुए खुशी हो रही है कि हमने उस अत्याचारी आतंकवादी को पकड़ लिया है और वह अमेरिका न्याय की कठोर तलवार का सामना करने के लिए यहां आ रहा है इसके लिए पाकिस्तान का धन्यवाद करना चाहता हूं. साथ ही उन्होंने मध्य पूर्व और अब्राहम समझौते का जिक्र किया हालांकि आतंकी कौन है इसको लेकर ट्रंप ने अभी कोई खुलासा नहीं किया है.

कौन है वो 'नायाब हीरा'

अमेरिकी अखबार के अनुसार, प्लेटफॉर्म एक्सियोस की रिपोर्ट में काबुल बम धमाके के संदिग्ध की पहचान मोहम्मद शरीफुल्लाह, उर्फ जाफर के रूप में की गई है. जाफर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट (ISIS-K) की शाखा का प्रमुख बताया जा रहा है. रिपोर्ट में दो अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि शरीफुल्लाह को पाकिस्तान से अमेरिका को सौंपने की प्रक्रिया जारी है, और उसके बुधवार तक अमेरिका पहुंचने की संभावना है.

26 अगस्त 2021 को दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने काबुल हवाई अड्डे पर अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों की भीड़ पर हमला कर दिया था. इस भयावह हमले में करीब 170 अफगान नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी ISIS-K (इस्लामिक स्टेट-खुरासान) ने ली थी.

2023 में व्हाइट हाउस ने जानकारी दी थी कि अफगान तालिबान सरकार के सुरक्षा बलों ने इस हमले के मास्टरमाइंड को मार गिराया. हालांकि, आरोप है कि इस हमले की साजिश में मोहम्मद शरीफुल्लाह भी शामिल था. प्लेटफॉर्म एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफुल्लाह को ‘जफर’ नाम से भी जाना जाता है. CIA लंबे समय से उस पर नजर रख रही थी, लेकिन हाल ही में उसके ठिकाने को लेकर पुख्ता खुफिया जानकारी मिली. रिपोर्ट के अनुसार, CIA ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पाकिस्तान ने एक विशेष टीम भेजकर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास उसे गिरफ्तार कर लिया.

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