हनुमान जी के मुंह के फूलने के पीछे एक अद्भुत बाल लीलाओं से भरी कथा है. बचपन में तीव्र भूख के कारण उन्होंने सूर्य को लाल फल समझकर निगलने की कोशिश की. उनकी उड़ान इतनी तेज थी कि देवता तक घबरा गए. यह कथा न केवल उनके अपार बल की गवाही देती है, बल्कि बाल हनुमान की मासूम श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक भी है.