पायलट, स्काइडाइवर, ट्रैवलर... अब अंतरिक्ष यात्री! जानें कौन हैं देश का नाम रोशन करने वाले आर्वी बहल

एक बार फिर भारतीय ने पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है. आर्वी बहल 79 साल की उम्र में एक खास सफर पर जा रहे हैं. वह ब्लू ओरिजिन नाम की कंपनी के साथ अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे.;

( Image Source:  x-@blueorigin )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 3 Aug 2025 2:16 PM IST

जहां लोग 79 की उम्र में आराम और सुकून की ज़िंदगी जीते हैं, वहां अरविंद आर्वी सिंह बहल एक नई और रोमांचकारी शुरुआत करने जा रहे हैं. अब वह अतंरिक्ष में उड़ान भरेंगे.  आगरा में जन्मे और ताजमहल के साए में पले-बढ़े आर्वी बहल बचपन से ही कुछ अलग करने का सपना देखते थे. आर्वी अब अमेरिका की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के मिशन NS-34 में शामिल होकर अंतरिक्ष की सैर करेंगे. ये मिशन रविवार को टेक्सास से लॉन्च होगा.

यह गर्व की बात है कि वे उन कुछ भारतीय मूल के व्यक्तियों में शामिल होंगे जो अंतरिक्ष की अंतरराष्ट्रीय सीमा कर्मन रेखा को पार करेंगे. इससे पहले ब्लू ओरिजिन की फ्लाइट्स में 70 लोग जा चुके हैं और अब 79 वर्षीय आर्वी बहल भी इस लिस्ट में जुड़ने वाले हैं. ये साबित करता है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है, अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. हालांकि, उनका यह सफर आसान नहीं रहा. चलिए जानते हैं आर्वी सिंह के बारे में पूरी डिटेल

सेना में सपना, हादसे से मोड़

आर्वी का जीवन हमेशा चुनौतियों और अलग-अलग एक्सपीरियंस से भरा रहा है. साल 1962 में उन्होंने भारत की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) ज्वॉइन की, लेकिन पोलो खेलते समय हुए एक हादसे ने उनकी सुनने की क्षमता आंशिक रूप से छीन ली.  इसके बाद उन्होंने सेना छोड़ दी.

चाय बागानों से फैशन की दुनिया तक

सेना छोड़ने के बाद आर्वी ने दार्जिलिंग के स्कॉटिश चाय बागान में लगभग चार साल काम किया. फिर वह 1970 तक वह दिल्ली के पास कपड़ों के बिज़नेस में उतर चुके थे. इसके बाद उन्होंने फैशन, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट में कई कामयाब कंपनियां खड़ी कीं.

भारत से अमेरिका तक का सफर

1977 में ग्रीन कार्ड मिलने के बाद वे अमेरिका चले गए और 1979 में अमेरिकी नागरिक बन गए. वे बेवर्ली, मैसाचुसेट्स में रहते हैं और रियल एस्टेट कंपनी 'बहल प्रॉपर्टीज़' के अध्यक्ष हैं. पिछले 45 सालों में उन्होंने फैशन, हॉस्पिटैलिटी, स्पोर्ट्सवियर और रियल एस्टेट के क्षेत्रों में सफलता पाई है. 

सात महाद्वीपों, दो ध्रुवों और अंतरिक्ष के पार

आर्वी बहल ने 196 देशों की यात्रा की है. वह उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव, ग्रीनलैंड, पेटागोनिया, सहारा रेगिस्तान, यहां तक कि उत्तर कोरिया भी जा चुके हैं. उन्होंने माउंट एवरेस्ट और गीज़ा के पिरामिडों के ऊपर से स्काईडाइविंग की है. उनके पास प्राइवेट पायलट का लाइसेंस है और वे हेलीकॉप्टर उड़ाने में ट्रेन्ड हैं.

राइटिंग और फोटोग्राफी की दुनिया में भी जलवा

आर्वी बहल ने दुनिया के कोने-कोने की यात्रा की है, और उनकी फोटोग्राफ़ी को दुनिया भर में खूब पसंद किया गया है. उनकी तस्वीरें और सफर की कहानियां कई देशों में चर्चा का विषय बनी हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी पहली किताब "Tireless Traveler" लिखी है. इस किताब में उनके जीवन के रोमांचक किस्से और सफर के अनुभव शामिल हैं. अब वह रुकने वाले नहीं हैं. आने वाले समय में वो और भी किताबें लिखने का प्लान बना रहे हैं, ताकि उनकी ज़िंदगी की कहानियां और भी लोगों तक पहुंच सकें.


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