UAE का वदीमा कानून क्‍या है, जिसके तहत यूपी की शहजादी को दी जाएगी फांसी?

UAE Wadeema Law: यूपी निवासी शहजादी को UAE सरकार ने फांसी की सजा सुनाई है. उस पर एक मासूम की हत्या का आरोप है. हालांकि परिवार ने इसे झूठा आरोप बताया. महिला को UAE के वदीमा कानून के तहत दोषी करार दिया गया था. फिलहार पर जेल में बंद है. यह कानून UAE के सबसे सख्त कानूनों में से एक है.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 6 Nov 2025 6:20 PM IST

UAE Wadeema Law: मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अपने सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है. यहां पर मुस्लिम महिलाओं-बच्चों समेत सभी के लिए कड़े नियम है, जिसका सभी को पालन करना जरूरी होता है. इनमें से एक वदीमा कानून भी शामिल है. इसे चाइल्ड राइट्स लॉ भी कहते हैं. इस कानून में दोषी पाए जाने पर उत्तर प्रदेश की शहजादी को दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई है. जो कि अभी जेल में बंद है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई की सरकार ने साल 2016 में वदीमा कानून का लागू किया था. जिसका उद्देश्य बच्चों के संरक्षण और उनकी भलाई करना था. कानून के तहत बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, मानसिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा आदि शामिल हैं. आगे पर हम आपको इस कानून से जुड़ी बाकी डिटेल्स बताएंगे.

शहजादी को क्यों मिली सजा?

यूपी की एक महिला को एक बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई. उसके पिता ने बताया कि बचपन में उसका चेहरा जल गया था. कोरोना में लॉकडाउन के समय वह रोटी बैंक ऑफ बांदा में काम कर रही थी. तभी उसकी दोस्ती फेसबुक पर आगरा के उजैर से हुई. नवंबर 2021 में उजैर ने शहजादी को इलाज के लिए दुबई भेजा था. वहां पर उजैर के रिश्तेदार चाचा फैज, चाची नाजिया के साथ उसकी सास अंजुम सहाना बेगम से मिली.

झूठे आरोप में फंसी शहजादी

नाजिया ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी चार महीने 21 दिन बाद मौत हो गई. बच्चे की मौत का आरोप शहजादी पर लगा दिया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद वदीमा कानून के तहत शहजादी को झूठे आरोप में सजा सुनाई गई है. महिला के पिता ने इस मामले में भारत सरकार से मदद मांगी है. शहजादी के केस में रिव्यू पिटीशन में फाइल की गई है.

क्या है वदीमा कानून?

रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई के इस वदीमा कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है. तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. किसी की लापरवाही से बच्चे की मौत हो जाती है तो उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ता है. संघीय कानून नंबर 3 के आर्टिकल 342 कहता है कि अगर किसी व्यक्ति की गलती की वजह से किसी बच्चे की मौत होती है संबंधित व्यक्ति को जेल की सजा होगी. साथ ही भारी जुर्माना भी लगेगा.

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