यूक्रेन में बनेगा हथियार, अगले हफ्ते मिलेगी पहली क़िस्त; जेलेंस्की को यूके ने क्या-क्या दिया तोहफा?

डोनाल्ड ट्रंप और वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की के बीच तीखी बहस के बाद ब्रिटेन ने यूक्रेन को 2.26 अरब पाउंड का रक्षा ऋण दिया. ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने समर्थन दोहराया. लंदन में यूरोपीय नेताओं का बड़ा सम्मेलन हो रहा है, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध और रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 2 March 2025 11:43 AM IST

डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की के बीच हुई तीखी बहस अब वैश्विक राजनीति में सुर्खियां बटोर रही है. इस विवाद के बाद ज़ेलेन्स्की ब्रिटेन पहुंचे, जहां उनका स्वागत एक नायक की तरह किया गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ज़ेलेन्स्की से मुलाकात कर दोबारा अपना समर्थन व्यक्त किया और यूक्रेन की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए रक्षा समझौते की घोषणा की.

इस उच्च स्तरीय बैठक में ब्रिटेन और यूक्रेन के बीच 2.26 अरब पाउंड (करीब 2.84 अरब डॉलर) के रक्षा ऋण समझौते को अंतिम रूप दिया गया. ब्रिटेन की चांसलर रेचेल रीव्स और यूक्रेन के वित्त मंत्री सर्गी मार्चेन्को ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. यूक्रेन ने स्पष्ट किया कि इस फंड का उपयोग युद्ध सामग्री और हथियार निर्माण के लिए किया जाएगा. इस समझौते को ब्रिटेन ने 'न्यायसंगत कार्रवाई' बताया और कहा कि जिसने युद्ध शुरू किया, उसे ही इसकी कीमत चुकानी होगी.

शिखर सम्मेलन हुआ इम्पोर्टेंट

अब, 2 मार्च 2025 को लंदन में यूरोपीय नेताओं का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन होने जा रहा है. इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, यूरोप की सुरक्षा नीतियां और रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन को ट्रंप और ज़ेलेन्स्की के बीच हुई बहस ने और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है. वैश्विक स्तर पर इस बैठक पर नजरें टिकी हैं, क्योंकि इससे यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों की अगली रणनीति का संकेत मिलेगा.

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई थी बहस

इससे पहले, व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और ज़ेलेन्स्की की मुलाकात के दौरान तीखी नोकझोंक देखने को मिली. ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे "थर्ड वर्ल्ड वॉर का गैंबल खेल रहे हैं." दूसरी ओर, ज़ेलेन्स्की भी अपनी बातों पर अडिग रहे और ट्रंप को खरी-खरी सुनाई. इस बहस ने अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में खटास पैदा कर दी, जिसके चलते जेलेंस्की ने ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों से समर्थन जुटाने की ओर कदम बढ़ाया.

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