अमेरिका में 5 नवंबर को है मतदान, लेकिन अभी वोट क्यों दे रहे लोग, जानिए क्या है अर्ली वोटिंग सिस्टम
अमेरिका के मिनेसोटा, साउथ डकोटा और वर्जीनिया राज्य के मतदान केंद्रों पर वोटिंग जारी है. कई राज्यों ने मेल के जरिए वोटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. अर्ली वोटिंग का फायदा यह है कि इससे ज्यादा से जायदा मतदान होता है. इसमें एक ही दिन मतदान करने की जरुरत नहीं पड़ती है.;
अमेरिका में 5 नवंबर दिन मंगलवार को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. इस बार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस मैदान में हैं. माना जाता है कि दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है. अमेरिका का राष्ट्रपति देश का प्रतिनिधित्व करता है और विदेश नीति को भी तय करता है.
इस बार अमेरिकी चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो रहा है. जो बाइडेन के पीछे हटने के बाद कमला हैरिस फ्रंट फुट पर खेल रही है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप भी वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इन सबके बीच अमेरिका में अर्ली वोटिंग चल रही है. वोट देने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी है. आइये जानते हैं कि क्या है अर्ली वोटिंग और किन किन राज्यों होता है?
क्या होती है अर्ली वोटिंग?
अमेरिका में चुनाव तो 5 नवंबर को होना है लेकिन ये वोटिंग कई हफ्ते पहले ही शुरू हो चुकी है. अमेरिकी मतदाता सुबह सुबह मतदान केंद्रों पर जाकर अपना वोट देते नजर आ रहे हैं. इसके अलावा वह मेल के जरिए भी अपना वोट डाल सकते हैं. अर्ली वोटिंग इसीलिए की जाती है कि कई बार किसी कारण से लोग वोट नहीं कर पाते हैं. इसके लिए ही अर्ली वोटिंग की व्यवस्था की गई है. चुनाव विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अर्ली वोटिंग के दौरान कुल वोट का लगभग 40 प्रतिशत मतदान हुआ था.
वैसे भी ऑफिस में काम करने वाले लोग मंगलवार के दिन वोटिंग होने का विरोध करते आ रहे हैं. उनका मानना है कि मंगलवार को वर्किंग डे होता है इस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए अर्ली वोटिंग बेहतर ऑप्शन माना जाता है. अमेरिका में अधिकतर राज्य अपने यहां अर्ली वोटिंग की व्यवस्था करते हैं. राज्य वोटिंग के लिए एक स्थान तय करते हैं और वहां जाकर मतदाता वोट डालते हैं.
किन राज्यों में है यह सुविधा?
अमेरिका के मिनेसोटा, साउथ डकोटा और वर्जीनिया राज्य के मतदान केंद्रों पर वोटिंग जारी है. कई राज्यों ने मेल के जरिए वोटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. अर्ली वोटिंग का फायदा यह है कि इससे ज्यादा से जायदा मतदान होता है. इसमें एक ही दिन मतदान करने की जरुरत नहीं पड़ती है. इससे नौकरी करने वाले, बिजनेस मैन, बुजुर्ग, बीमार और विकलांग लोगों को सहूलियत मिल जाती है. उनके वोटिंग करने से वोट प्रतिशत में वृद्धि होती है.
कितने अमेरिकी अर्ली वोटिंग करते हैं?
2020 के चुनाव में जो कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ था. उस समय 100 मिलियन यानी 10 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने चुनाव के दिन से पहले अपने वोट डाले थे. ये संख्या 2020 में मतदान करने वाले सभी अमेरिकियों का लगभग दो-तिहाई था.
विदेश में रहने वाले अमेरिकी, अमेरिकी सेना के सदस्य और विकलांग लोगों ने जल्दी मतदान करने के ऑप्शन को चुना है. 2001 में अमेरिकी कोर्ट ने फैसले में कहा था कि मतदाताओं को समय से पहले मतदान करने के लिए कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि उनका राज्य इसकी अनुमति देता हो.
मतदाताओं में रहता है उत्साह
अर्ली वोटिंग से मतदाताओं में उत्साह बना रहता है. जब सिंगर टेलर स्विफ्ट ने घोषणा की थी कि वह फ्लोरिडा में डेमोक्रेटिक कैंडिडेट कमला हैरिस के समर्थन में अर्ली वोटिंग से पहले परफॉर्मेंस देगी तब लोगों में काफी उत्साह देखा गया था. साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी को भी काफी फायदा मिला था.