अमेरिका में चुनाव या फिर तनाव! डर से रात भर जागते रहेंगे लोग, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

US Election 2024: आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चिंता और तनाव के कारण लगभग 5 में से एक अमेरिकी अपनी नींद खो रहा है. नेशनल स्लीप फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 प्रतिशत से अधिक अमेरिकी वयस्क - लगभग 4.5 करोड़ अमेरिकी तनाव से ग्रस्त हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अधिकांश लोग वीकेंड में कम सोते हैं और उनकी नींद की गुणवत्ता खराब होती है.;

US Election 2024
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 2 Nov 2024 9:34 AM IST

US Election 2024: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. चुनाव ने वहां रह रहे आम लोगों की नींद उड़ा दी है. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है. चुनाव को लेकर देश में काफी सरगर्मी है. लोगों के बीच अपने भविष्य को लेकर चर्चा चल रही है कि आखिर कौन होगा अगला राष्ट्रपति और अमेरिका का आने वाला भविष्य कैसा होगा.

नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक, 17 प्रतिशत से अधिक अमेरिकी वयस्क लगभग 4.5 करोड़ अमेरिकी तनाव में हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आगामी राष्ट्रपति चुनावों ने उनकी नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाला है. सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि लोग वीकेंड में कम सोते हैं और कुल मिलाकर उनकी नींद की गुणवत्ता खराब होती है. रिपोर्ट से पता चला कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का नींद पर नकारात्मक प्रभाव सभी ग्रुप में देखा गया, जिसमें राजनीतिक दल भी शामिल है. 

चुनाव से अमेरिका में बढ़ा तनाव

नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) में शोध और वैज्ञानिक मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोसेफ़ डिज़िएरज़वेस्की ने कहा, 'चुनाव और चुनाव के दिन जैसी तनावपूर्ण सामाजिक घटनाओं की गतिशीलता लोगों के मूड को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है और बदले में नींद के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जो स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है. यह उच्च तनाव की के दौरान नींद के स्वास्थ्य पर हो रहा असर है.' 

चिंता और नींद एक दूसरे को दे रहे हैं बढ़ावा

नींद विशेषज्ञों के अनुसार, चिंता और नींद न आना एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जिन लोगों को चिंता की समस्या होती है. उनकी नींद खराब होती है और जो लोग अच्छी नींद नहीं लेते हैं, उनमें चिंता की समस्या अधिक होती है. चुनाव से प्रभावित लोगों को वीकेंड में लगभग 7 घंटे की नींद मिल रही है, जो उन लोगों की तुलना में लगभग आधे घंटे कम है. चुनाव के बारे में चिंतित लोगों की औसत नींद की गुणवत्ता लगभग 3.36 थी, जबकि राजनीति से प्रभावित नहीं होने वालों के लिए यह 2.05 थी.

सभी राजनीतिक दलों में नींद की समस्या

लगभग 18 प्रतिशत डेमोक्रेट्स का कहना है कि चुनाव को लेकर उनकी नींद उड़ी हुई है, जबकि 17 प्रतिशत रिपब्लिकन और 16 प्रतिशत स्वतंत्र लोगों का ऐसा कहना है. एनएसएफ ने बताया कि उम्मीदवार, उनके सलाहकार और अभियान प्रबंधक इस बात को ध्यान में रखकर मदद कर सकते हैं कि उनके मैसेज अमेरिकी जनता के नींद के स्वास्थ्य और कल्याण को कैसे प्रभावित कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 'उदाहरण के लिए अभियान की रणनीतियां और रिपोर्टिंग जो संभावित नकारात्मक चुनाव परिणामों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं और जनता से तीव्र इमोशनल रिएक्शन को बढ़ावा देती हैं, नींद के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, जिसके कारण व्यापक स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा पर खराब असर हो सकते हैं.'

Similar News