TTP की गिरफ्त में PAK के 18 परमाणु वैज्ञानिक, यूरेनियम भी लूटा; एटमी हथियारों की सुरक्षा पर भी उठे सवाल

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने डेरा इस्माइल खान में पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के 18 वैज्ञानिकों का अपहरण कर लिया है. टीटीपी आतंकवादियों ने अपहृत किए गए इन लोगों का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें ये लोग शहबाज सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वे उन्‍हें आतंकियों के कब्‍जे से छुड़ा लें.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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Terrorists in Pakistan: पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने डेरा इस्माइल खान में पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (Pakistan Atomic Energy Commission - PAEC) के 18 वैज्ञानिकों का अपहरण कर लिया है. जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने शुरू में दावा किया कि ये केवल आम कर्मचारी हैं, लेकिन टीटीपी ने इन वैज्ञानिकों के पहचान पत्र जारी करके उनकी पहचान की पुष्टि कर दी है.

टीटीपी का दावा है कि ये सभी वैज्ञानिक पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के लिए काम करते थे. इसके साथ ही, एक और गंभीर आरोप सामने आया है कि इस हमले में यूरेनियम की भी लूट हुई है. अगर यह दावा सही साबित होता है तो यह पाकिस्तान के एटमी हथियारों की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान होगा.

TTP के निशाने पर पाकिस्तान एटम बम

टीटीपी आतंकवादियों ने अपहरण किए गए लोगों का वीडियो जारी किया है. जिसमें वह पाकिस्तान सरकार से रिहाई कि गुहार लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि आतंकियों के कब्जे से छुड़ा ले. इस समय पाकिस्तान सरकार के सबसे बड़े दुश्मन बने बैठे टीटीपी आतंकियों का मकसद इन वैज्ञानिक को पहुंचाना नहीं है बल्कि इस्लामाबाद पर टीटीपी सेनानियों के खिलाफ अपने सैन्य हमले को रोकने के लिए दबाव डालना था.

अपहरणकर्ताओं ने पत्रकारों को एक वीडियो भेजा है, जिसमें कुछ बंधक मजदूरों की तरह दिख रहे हैं. वीडियो में एक व्यक्ति को अधिकारियों से अपहरणकर्ताओं की मांगें स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए देखा जा सकता है. लेकिन हालांकि, घटना के पीछे प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर शक जताया जा रहा है. टीटीपी इस क्षेत्र में सक्रिय है और इससे पहले भी इस तरह के अपहरण और हमलों में शामिल रहा है.

टीटीपी को लेकर पाकिस्तान का आरोप

टीटीपी, जिसे अल-कायदा का करीबी माना जाता है, 2007 में कई आतंकवादी संगठनों को मिलाकर बनाया गया था. यह संगठन पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार है और उसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी सरकार को कमजोर करना है. पाकिस्तानी सेना और प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अपहरणकर्ताओं से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.

बात करें इस अपहरण की तो पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों की लगातार सिलसिले के बीच हुआ है. एक दिन पहले ही, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के अलगाववादी आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में एक हमला किया है.इसमें एक दूरदराज के जिले में सरकारी कार्यालयों और एक बैंक को निशाना बनाया गया. हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह हमला देश भर में विद्रोही अभियानों की बढ़ती तीव्रता को दर्शाता है. 

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