Trump vs Musk: क्यों NASA बन गया इस राजनीतिक लड़ाई का सबसे बड़ा नुकसान उठाने वाला
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच राजनीतिक तनातनी में सबसे बड़ा नुकसान NASA को हो रहा है. ट्रंप मस्क की सरकारी डील्स रद्द करने की धमकी दे रहे हैं, जबकि मस्क ने SpaceX के Dragon यान को डी-कमीशन करने की चेतावनी दी थी. NASA की अधिकतर गतिविधियां SpaceX पर निर्भर हैं- चाहे अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना हो या ISS का भविष्य तय करना. इस जंग में NASA की स्थिरता और वैज्ञानिक योजनाएं खतरे में पड़ गई हैं.;
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क, दो दिग्गजों की इस सियासी जंग में सबसे बड़ा झटका अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA को लग रहा है. एक ओर ट्रंप हैं, जो मस्क की कंपनियों के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने की धमकी दे रहे हैं, और दूसरी ओर मस्क हैं, जो नाराज़ होकर SpaceX के Dragon यान को ही डी-कमीशन करने की चेतावनी दे चुके हैं.
इस पूरे घटनाक्रम में NASA पूरी तरह 'कंफ्यूज्ड एजेंसी' बन गई है, जो ना ट्रंप को नाराज़ कर सकती है, और ना ही मस्क को खो सकती है. क्योंकि मस्क की SpaceX फिलहाल NASA के सभी बड़े मिशनों की रीढ़ है, चाहे वो ISS तक अंतरिक्ष यात्री भेजने हों या भविष्य में स्पेस स्टेशन को गिराने का मिशन. ऐसे में सवाल यही है कि क्या दो ताकतवर व्यक्तियों की निजी लड़ाई में NASA की वैज्ञानिक विरासत और अंतरिक्ष भविष्य खतरे में पड़ गया है?
- NASA आज की तारीख में मस्क की कंपनी SpaceX पर बुरी तरह निर्भर है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक अमेरिकी और सहयोगी देशों के अंतरिक्ष यात्रियों और सामान की आवाजाही पूरी तरह SpaceX के Dragon Spacecraft से होती है. इस यान की सब्सिडी अमेरिकी सरकार देती है. अगर ये सुविधा रुकती है, तो 2030 तक चलने वाले ISS का संचालन ही ठप हो सकता है.
- NASA के पास अभी SpaceX का कोई विकल्प नहीं है. न ही कोई दूसरा यान है जो इतनी नियमितता और विश्वसनीयता के साथ अंतरिक्ष मिशन कर सके. Boeing का Starliner अब तक पूरी तरह भरोसेमंद साबित नहीं हुआ है.
- SpaceX के रीयूजेबल रॉकेट्स (Falcon 9, Falcon Heavy) ही NASA के मिशन, सैटेलाइट्स और डीप स्पेस प्रोजेक्ट्स को लॉन्च करते हैं. ये लॉन्चिंग्स NASA की ही लॉन्चपैड्स से होती हैं. अगर ये टूटता है, तो NASA के सभी मिशन रुक सकते हैं.
- NASA ने स्पेस स्टेशन को 2030 में वायुमंडल में गिराने की जिम्मेदारी भी SpaceX को दी है. कंपनी इसके लिए एक खास यान बना रही है. अब जब मस्क नाराज हैं, तो यह प्लान भी अटक सकता है.
- NASA के प्रशासक की कुर्सी भी खाली है. एलन मस्क के करीबी और निजी अंतरिक्ष यात्री जैरेड इसाकमैन को NASA चीफ बनाने की योजना थी, लेकिन मस्क के ट्रंप से अलग होने के बाद यह प्रस्ताव भी ट्रंप प्रशासन ने वापस ले लिया.
- ट्रंप की व्हाइट हाउस में पिछली बार की सरकार के दौरान बनाई गई ‘Doge’ इकाई के चलते NASA को भारी बजट कट्स और स्टाफ फायरिंग का सामना करना पड़ा. कई मिशन अब भी उसी वजह से लेट हैं.
- जब ट्रंप ने Truth Social पर मस्क की कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की बात कही, तो मस्क ने X पर जवाब में कहा कि SpaceX "Dragon spacecraft को डी-कमीशन करेगा. हालांकि बाद में वह पीछे हटे, लेकिन संदेश साफ था कि NASA उनके बिना कुछ नहीं.
- इस पूरे घटनाक्रम में NASA पूरी तरह 'फंसी हुई एजेंसी' बनकर रह गई है, ना ट्रंप का विरोध कर पा रही है, ना मस्क को नाराज़ करना चाहती है. ऐसे में नासा की रणनीतिक विश्वसनीयता को भी गहरी चोट लग रही है.
- SpaceX के कमजोर होने या नाराज हो जाने का मतलब है कि अमेरिका की स्पेस डोमिनेशन को भी झटका लग सकता है. खासकर जब चीन जैसे देश अपने स्पेस प्रोग्राम में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं.
- कभी ट्रंप और मस्क एक-दूसरे के करीबी माने जाते थे. अब जब उनके बीच तल्खी बढ़ गई है, तो NASA एक ऐसे मोहरे की तरह बन गया है जिसकी किस्मत दो अहंकारी ताकतों के बीच की राजनीति तय कर रही है.