ट्रंप ने कहा वापस लेकर रहेंगे पनामा नहर, लैटिन अमेरिकी देश ने किया इनकार, क्या है चीन कनेक्शन?
ट्रंप ने यूएस कैपिटल में शपथ लेने के बाद कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात, चीन पनामा नहर का संचालन कर रहा है. हम इसे चीन को नहीं, बल्कि पनामा को सौंपने में गलती कर बैठे, हम इसे वापस ले रहे हैं. यह बयान ट्रंप द्वारा पनामा के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना से इंकार किए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया.;
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. शपथ लेते ही उन्होंने कई फैसलों पर हस्ताक्षर किया. अपने भाषण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को 'वापस लेने' का संकल्प लिया और आरोप लगाया कि चीन इस रणनीतिक जलमार्ग का संचालन कर रहा है. उन्होंने 1999 के अंत में इसे पनामा को सौंपने के निर्णय की आलोचना की.
ट्रंप ने यूएस कैपिटल में शपथ लेने के बाद कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात, चीन पनामा नहर का संचालन कर रहा है. हम इसे चीन को नहीं, बल्कि पनामा को सौंपने में गलती कर बैठे, हम इसे वापस ले रहे हैं. यह बयान ट्रंप द्वारा पनामा के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना से इंकार किए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया, जबकि पनामा सरकार ने बार-बार यह कहा है कि नहर के संचालन में चीनी भागीदारी नहीं है.
पनामा का है नहर पर पूरा कब्ज़ा
1999 में नहर के संयुक्त राज्य अमेरिका से पनामा को हस्तांतरण के बाद, पनामा ने नहर पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखा है और अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच इस महत्वपूर्ण जलमार्ग पर अपनी संप्रभुता का दावा किया है. ट्रंप ने 1999 के हस्तांतरण को 'एक मूर्खतापूर्ण उपहार' करार दिया, जिसे कभी नहीं दिया जाना चाहिए था. उन्होंने 1977 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा हस्ताक्षरित संधि का उल्लेख किया, जिसने इस हस्तांतरण को संभव बनाया.
पनामा के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
ट्रंप की टिप्पणियों पर पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी किया है. मुलिनो ने स्पष्ट रूप से कहा कि नहर पनामा की है और हमेशा पनामा के नियंत्रण में रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि नहर किसी को रियायत के रूप में नहीं दी गई थी. यह पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम था, जिसे 1999 में टोरिजोस-कार्टर संधि के तहत हल किया गया था. 25 वर्षों से, हमने बिना किसी रुकावट के नहर का जिम्मेदारी से प्रबंधन किया है और यह दुनिया के वाणिज्य की सेवा करती है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है.
मुलिनो ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो चीन और न ही कोई अन्य देश इस जलमार्ग का नियंत्रण रखते हैं. पनामा नहर वैश्विक समुद्री यातायात का लगभग 6 प्रतिशत संभालती है और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है.