अफगानी महिलाएं नहीं सुन सकतीं गाने, इबादत के समय एक-दूसरे की आवाज सुनने पर भी रोक! तालिबान का नया फरमान
तालिबान सरकार के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार महिलाओं के आस-पास होने पर कुरान को जोर से पढ़ने से बचना चाहिए. तालिबान सरकार के नए आदेश में कहा गया कि यदि महिलाओं को अजान कहने की अनुमति नहीं है तो वे निश्चित रूप से गाने या संगीत का आनंद नहीं ले सकती हैं.;
New Taliban Rule: अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनते ही वहां नए-नए नियमों को लागू किया जा रहा है. महिलाओं को लेकर एक के बाद नए कानून लागू किए जा रहे हैं. अब मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने आदेश जारी किया गया है. जिसके अनुसार महिलाओं के आस-पास होने पर कुरान को जोर से पढ़ने से बचना चाहिए.
हनफ़ी ने अपने उस फैसले को उचित ठहराया है. उन्होंने तर्क दिया कि एक महिला की आवाज़ को "अवारा" माना जाता है. जिसे छिपाया जाना चाहिए और इसे सार्वजनिक रूप से नहीं सुना जाना चाहिए. यहां तक की अन्य महिलाओं द्वारा भी नहीं.
महिलाओं से छिपा प्रार्थना का अधिकार
तालिबान सरकार के नए कानून में कहा गया कि यदि महिलाओं को अजान कहने की अनुमति नहीं है तो वे निश्चित रूप से गाने या संगीत का आनंद नहीं ले सकती हैं. इससे नए फरमान से हर कोई हैरान है. इससे महिलाओं की बोलने की आजादी प्रभावित होती है. जिससे वह सार्वजनिक जीवन से और भी दूर हो सकती हैं.
पहले लागू किया नाकाब से जुड़ा नियम
तालिबान सरकार साल 2021 में सत्ता में आई थी. फिर वह अफगानी महिलाओं पर पाबंदी लगाने के लिए लगातार नए नियम लेकर आ रही है. पिछले अगस्त में सरकार ने अनिवार्य किया था कि महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर बिना चेहरे और शरीर को ढकने वाले नाकाब को पहने बिना नहीं जा सकती हैं.
पुरुषों से बात करने की मनाही
तालिबान सरकार ने अफगान की महिलाओं के किसी से बात न करने पर भी पाबंदी लगाई है. एक महिला स्वास्थय सेवा कर्मियों को सार्वजनिक रूप से बात करने से रोक दिया जाता है. विशेषकर रिश्तेदार के साथ. इसके अलावा उन्हें काम पर जाते समय चेकपॉइंट पर बात करने या क्लीनिक में पुरुष रिश्तेदारों के साथ हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर बात करने की अनुमति नहीं है.
अफगान में महिलाओं की स्थिति
तालिबान सरकार महिलाओं के लिए सख्त नियम लागू करती जा रही है. देश में जैसे-जैसे पाबंदी बढ़ रही है, महिलाओं की स्थिति खराब होती जा रही है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नया नियम औपचारिक रूप से लागू किया गया है या नहीं. बता दें कि तालिबान का मकसद महिलाओं की काम और शिक्षा पर प्रतिबंधित करना है. इस शासन के आने से बाल विवाह, बाल विवाह और जबरन विवाह में वृद्धि हुई.