Space Baby: अगर अंतरिक्ष में हो किसी बच्‍चे का जन्‍म तो क्‍या हो? वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

Space Facts: वैज्ञानिकों धरती के बाहर मंगल पर इंसान का जीवन संभव है या नहीं इसका अध्ययन कर रहे हैं. हाल ही में स्पेस में एक बच्चे का जन्म संभव है या नहीं उस पर सवाल किया गया. वैज्ञानिकों का मानना है कि स्पेस में डिलीवरी और नवजात की देखभाल संभव नहीं हो पाएगी.;

( Image Source:  meta ai )

Space Facts: मां बनाना किसी भी औरत का दूसरा जन्म माना जाता है. क्योंकि उसके बाद जीवन पूरी तरह से बदल जाता है. सुबह और शाम के काम से लेकर खाना-पीना तक बच्चे की सेहत के हिसाब से करना पड़ता है. हम अक्सर गर्भवती महिला की ट्रेन, बस, ऑटो, सड़क में अचानक प्रसव पीड़ा के बाद डिलीवरी की खबर सुनते हैं, लेकिन आपने कभी सोचा है अगर बच्चे का जन्म स्पेस में होगा तो क्या होगा?

science alert की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह मनुष्य का जीवन संभव है या नहीं इस पर सालों से अध्ययन कर रहे हैं. अब सवाल उठा कि क्या अंतरिक्ष में गर्भधारण और सुरक्षित डिलीवरी संभव है? ऐसा कहा गया कि मंगल तक की एक यात्रा में उतना समय लग सकता है, जितना एक संपूर्ण गर्भावस्था में लगता है.

स्पेस में बच्चे का जन्म

मंगल ग्रह में गर्भधारण से लेकर शिशु के जन्म तक की प्रक्रिया पर जांच की जा ही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि माइक्रोग्रैविटी की स्थिति में गर्भधारण करना आसान नहीं होगा. अगर भ्रूण गर्भ में स्थापित हो जाता है, तो गर्भावस्था आगे बढ़ सकती है. लेकिन डिलीवरी और नवजात की देखभाल संभव नहीं हो पाएगी. क्योंकि अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण स्थिति काफी मुश्किल भरी रहती है.

वैज्ञानिक अरुण वी. होल्डन के अनुसार, जब गुरुत्वाकर्षण नहीं होता तो तरल पदार्थ और इंसान तैरते रहते हैं. इससे बच्चे को जन्म देने जैसी प्रक्रिया बेहद गड़बड़ और कठिन बन सकती है. नवजात को संभालना, स्तनपान कराना, सही मुद्रा में रखना जो धरती पर स्वाभाविक लगता है, लेकिन स्पेस में बेहद चुनौतीपूर्ण होगा.

क्या है वजह?

गर्भ में पल रहा शिशु पहले से ही एक प्रकार की माइक्रोग्रैविटी जैसी स्थिति में होता है. वह अम्नियोटिक द्रव (amniotic fluid) में तैरता है, जो उसे संतुलित रखता है और झटकों से बचाता है. अंतरिक्ष यात्री भी इसी तरह के हालात को महसूस करने के लिए पानी की टंकी में ट्रेनिंग लेते हैं. फिर भी स्पेस में केवल ग्रेवटी ही समस्या नहीं है. सबसे बड़ा खतरा तो कॉस्मिक किरणों (Cosmic Rays) से है.

उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर हमें वायुमंडल और मैग्नेटिक फील्ड कॉस्मिक रेडिएशन से बचाते हैं, लेकिन जैसे ही कोई इंसान पृथ्वी की सीमा से बाहर निकलता है, ये सुरक्षा कवच खत्म हो जाते हैं. कॉस्मिक किरणें अत्यधिक ऊर्जा वाले परमाणु कण होते हैं जो प्रकाश की गति के करीब चलती हैं और शरीर की कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं.

गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्ते भ्रूण के विकास के लिए बेहद अहम होते हैं. इस दौरान कोशिकाएं तेजी से विभाजित होती हैं और अंगों का निर्माण शुरू होता है. अगर इस समय कोई हाई-एनर्जी किरण सीधे भ्रूण को प्रभावित कर दे, तो यह उसकी कोशिकाओं में बदलाव ला सकती है या गर्भपात का कारण बन सकती है. एक कारण स्पेस में मेडिकल सुविधाएं का ना होना भी शामिल है.

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