'जिंदा बची तो... कुछ बड़ा होगा', बांग्लादेश में हिंसा के बीच शेख हसीना की हुंकार; VIDEO
पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार शाम बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर पर हिंसक भीड़ ने हमला किया. इस हमले में संपत्ति को काफी नुकसान हुआ.;
पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान में कहा कि अगर अल्लाह ने उन्हें इन हमलों से बचाया है, तो इसका मतलब है कि उनका जीवन किसी उद्देश्य के लिए है. उन्होंने कहा कि इतने हमलों के बावजूद उनका जीवित रहना इस बात का संकेत है कि अभी उनके कुछ अहम कार्य बाकी हैं.
अपने आवास पर हुए हमले को लेकर उन्होंने सवाल उठाया, "मेरे घर को आग क्यों लगाई गई? मैं बांग्लादेश के लोगों से न्याय मांगती हूं. क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इतना अपमान क्यों?" शेख हसीना ने बताया कि उनके और उनकी बहन के घर की कई यादें अब जलकर खत्म हो गई हैं, लेकिन उनका इतिहास और संघर्ष कभी नहीं मिटेगा.
ढ़ाका में फिर भड़की हिंसा
अवामी लीग के 5 फरवरी को प्रस्तावित देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले, राजधानी ढाका समेत कई शहरों में तनाव बढ़ गया है. बुधवार शाम, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी इलाके में स्थित आवास में आग लगा दी.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार शाम बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर पर हिंसक भीड़ ने हमला किया. इस हमले में संपत्ति को काफी नुकसान हुआ. यह घटना पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद हुई, जिससे प्रदर्शनकारियों में गुस्सा फैल गया. उन्होंने पहले ही बुलडोजर मार्च निकालने की योजना बनाई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने रात 9 बजे घर को गिराने की धमकी दी थी, लेकिन वे एक घंटे पहले ही वहां पहुंच गए. उन्होंने जबरन गेट तोड़कर अंदर घुसकर तोड़फोड़ की और शेख हसीना के खिलाफ नारे लगाए. उन्होंने घर को "तानाशाही और फासीवाद" का प्रतीक बताते हुए "मुजीबवाद" को खत्म करने की कसम खाई. कुछ लोगों ने शेख हसीना को फांसी देने की भी मांग की.
यह दूसरी बार है जब बांग्लादेश के रहमान के घर पर गुस्साई भीड़ ने हमला किया है. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भाग जाने के बाद उनके घर पर हमला हुआ था. प्रदर्शनकारियों ने जबरन उस घर में अंदर घुस गए. जो लंबे समय से शेख मुजीबुर रहमान के परिवार से जुड़ा हुआ था.
केवल तोड़ सकते हों इतिहास नहीं मिटा सकते
इस दौरान शेख हसीना ने ऑनलाइन भाषण में कहा कि, इस घटना के लिए मुझे खेद है. आंदोलनकारी उनकी बचपन की यादों को नष्ट कर रहे हैं लेकिन वे उनके परिवार के इतिहास को कभी नहीं मिटा पाएंगे. इसके बाद लगभग आंसुओं में डूबी हसीना ने कहा कि हम बहनें धानमंडी की उन यादों के लिए जीती हैं अब वे उस बर्बाद कर रहे हैं, पिछली बार उन्होंने इस घर को आग लगा दी थी. अब वे इस घर को तोड़ रहे हैं वे केवल तोड़ ही सकते हैं इतिहास नहीं मिटा सकते.