कोर्ट के फैसले के बाद फ्रांस में फिर ऑनलाइन हुई Pornhub वेबसाइट, कंपनी बोली- एप्पल-गूगल का काम हमसे क्यों?

फ्रांस की ही तरह अमेरिका के कई राज्यों (जैसे फ्लोरिडा, टेक्सास) ने भी पोर्नहब साइट्स के लिए एज वेरिफिकेशन के कानून बनाए हैं. यूके में भी 2017 से ऐसा कानून है, लेकिन उसे लागू करने में कई बार रुकावट आई. अब फ्रांस ने भी पोर्नहब वेबसाइट से यह रूल बनाने को कहा. इस पर कंपनी का कहना है कि ये काम गूगल और एप्पल का है.;

( Image Source:  Freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 22 Jun 2025 8:53 AM IST

इस महीने की शुरुआत में फ्रांस में एक अजीब घटना हुई. अचानक ही पोर्नहब, यूपोर्न और रेडट्यूब जैसी बड़ी अडल्ट वेबसाइटें बंद हो गईं. ये वेबसाइटें कुछ घंटों के लिए या कुछ समय के लिए पूरी तरह ऑफ़लाइन हो गईं.

दरअसल, फ्रांस सरकार ने एक नया कानून बनाया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसी वेबसाइटों को अब अपने यूज़र्स की उम्र की सख्ती से जांच करनी होगी. यानी, अगर कोई ऐसी साइट देखना चाहता है, तो उसे अपनी उम्र साबित करनी होगी या तो सरकार द्वारा जारी की गई आईडी से या क्रेडिट कार्ड के ज़रिए.

कंपनियों को क्यों हुआ एतराज़?

पोर्नहब की मालिक कंपनी Aylo (एयलो) ने इस नियम का विरोध किया. उनका कहना है कि ऐसी जानकारी (जैसे आईडी या कार्ड डिटेल्स) लेना बहुत खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे हैकिंग और डाटा लीक का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने उदाहरण दिया कि 2015 में एशले मैडिसन वेबसाइट को हैक कर लिया गया था, और लाखों लोगों की निजी जानकारी इंटरनेट पर लीक हो गई थी.

कोर्ट ने क्या कहा?

फ्रांस की एक अदालत ने फिलहाल इस कानून को अस्थायी रूप से रोक दिया है. अदालत ने कहा कि वह जांच करेगी कि यह नियम यूरोपीय संघ (EU) के कानूनों के अनुसार है या नही. इस फैसले के बाद वेबसाइटों ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया है.

डिवाइस से हो उम्र की जांच

एयलो ने कहा कि वेबसाइटों पर आईडी या कार्ड से उम्र चेक करने की बजाय यह काम मोबाइल या कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम से होना चाहिए. जैसे एप्पल का स्क्रीन टाइम और माइक्रोसॉफ्ट का फैमिली सेफ्टी टूल. यह तकनीकें पहले से ही डिवाइस में होती हैं और सेफ भी होती हैं. इससे वेबसाइटों को यूज़र का पर्सनल डेटा नहीं रखना पड़ेगा.

फ्रांस सरकार क्या करेगी अब?

फ्रांस की सरकार ने कहा है कि वो इस अदालत के फैसले के खिलाफ देश की सबसे ऊंची प्रशासनिक अदालत (Council of State) में अपील करेगी. इसका मतलब है कि ये मामला अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि अब इससे जुड़े फैसले पूरे यूरोप में नियमों को प्रभावित कर सकते हैं.

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