डबल निमोनिया से नहीं, इस वजह से पोप फ्रांसिस का हुआ निधन; वेटिकन का बड़ा खुलासा

पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में 21 अप्रैल को निधन हो गया, वे लंबे समय से श्वसन संबंधी बीमारियों, विशेषकर डबल निमोनिया, से जूझ रहे थे. फरवरी में अस्पताल में भर्ती होने के बाद वे 38 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे. हालांकि, उनकी मौत का संभावित कारण सेरेब्रल हैमरेज (मस्तिष्क में रक्तस्राव) बताया जा रहा है, न कि सिर्फ सांस संबंधी बीमारी. अस्पताल में रहते हुए उन्हें खून की कमी के लिए रक्त चढ़ाया गया और छुट्टी के बाद वे बहुत कमजोर दिखे. इसके बावजूद, उन्होंने ईस्टर संडे पर सार्वजनिक रूप से उपस्थिति दर्ज कराई.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 22 April 2025 12:16 AM IST

Pope Francis death news : पोप फ्रांसिस, दुनिया के सबसे बड़े कैथोलिक धर्मगुरु और अर्जेंटीना के पहले पोप, का 88 साल की उम्र में लंबे समय से चल रही श्वसन संबंधी बीमारियों के बाद निधन हो गया. यह जानकारी इटली की समाचार एजेंसी ANSA और वेटिकन द्वारा साझा की गई.

पोप को फरवरी में डबल निमोनिया (दोहरी निमोनिया) के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे 38 दिनों तक भर्ती रहे. यह उनके 12 साल के पोप कार्यकाल की सबसे लंबी अस्पताल यात्रा थी.

मौत का कारण केवल श्वसन बीमारी नहीं

हालांकि, शुरू में यह माना जा रहा था कि उनकी मृत्यु का कारण श्वसन संबंधी बीमारी है, लेकिन ANSA न्यूज एजेंसी के अनुसार, मस्तिष्क में रक्तस्राव (Cerebral Hemorrhage) को उनकी मृत्यु का संभावित कारण बताया गया है. हालांकि, सोमवार को वेटिकन द्वारा जारी उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार, पोप फ्रांसिस की मृत्यु स्ट्रोक के कारण हुई, जिससे वे कोमा में चले गए और 'अपरिवर्तनीय' हृदय गति रुक ​​गई.  इसस पहले, वेटिकन प्रवक्ता मैटियो ब्रूनी ने कहा कि पोप की मृत्यु का सटीक कारण आज शाम तक आधिकारिक रूप से घोषित किया जाएगा.

वेटिकन कैमरलेंगो  कार्डिनल केविन फेरल ने घोषणा की, "आज सुबह 7:35 बजे, रोम के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस प्रभु के घर लौट गए. उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा में समर्पित रहा." 

पोप को पहले से थी क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी

पोप को पहले से क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी थी और युवावस्था में एक फेफड़े का हिस्सा हटा दिया गया था. अस्पताल में भर्ती के दौरान उन्हें रक्त की कमी (एनिमिया) के चलते ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी दिया गया. डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ईस्टर संडे पर चौंकाने वाली सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज की. उस दिन उन्होंने सेंट पीटर्स स्क्वायर में एकत्रित 35,000 श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और पारंपरिक "Urbi et Orbi" (शहर और संसार के लिए) संदेश भी दिया.

अब आगे क्या होगा?

पोप के निधन के बाद अब वेटिकन में विशेष धार्मिक प्रक्रियाओं और अनुष्ठानों की शुरुआत होगी. इसके अंतर्गत सिस्टीन चैपल में पात्र कार्डिनल्स मिलकर नए पोप का चुनाव करेंगे.

Similar News