ये दोस्‍ती हम नहीं छोड़ेंगे! कैसे परवान चढ़ी पीएम मोदी और पुतिन की दोस्‍ती?

PM Modi-Putin Friendship: 16वें 'ब्रिक्स शिखर सम्मेलन' में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक बार भी दोस्ती की जुगलबंदी देखने को मिली. पुतिन और मोदी इन 10 साल में 18 बार मुलाकात कर चुके हैं. इस दौरान पीएम मोदी 7 बार रूस जा चुके हैं.;

PM Modi-Putin friendship
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 23 Oct 2024 6:00 AM IST

PM Modi-Putin Friendship: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें 'ब्रिक्स शिखर सम्मेलन' के लिए कजान में हैं, जहां एक बार फिर से मोदी और पुतिन की दोस्ती साफ तौर पर दिखाई दे रही है, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान दोनों हंसते-मुस्कुराते बातचीत करते देखा गया. पुतिन ने तो ये तक कह दिया कि हमारी दोस्ती ऐसी है कि हमारी भाषा समझने के लिए एक-दूसरे को ट्रांसलेटर की जरूरत ही नहीं है. इस पीएम मोदी और वहां मौजूद लोग भी हंस पड़े.

ये पहली बार नहीं था, जब मोदी-पुतिन की दोस्ती देखी गई. पीएम बनने के बाद मोदी रूस की कई यात्राएं कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने पुतिन के साथ कई बैठकें और डिनर नाइट में भी शामिल हुए हैं. आइए यहां हम दोनों की मुलाकातें और उस दौरान की हुई बातों से उनकी दोस्ती पर एक नजर डालते हैं.

हमारी दोस्ती को भाषा की जरूरत नहीं -पुतिन

'ब्रिक्स शिखर सम्मेलन' से पहले पुतिन ने बैठक के दौरान पीएम मोदी से कहा, 'हमारे संबंध इतने घनिष्ठ हैं कि मुझे लगा कि आप बिना अनुवाद के ही मेरी बात समझ जाएंगे. इस टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मोदी हंस पड़े. वहीं पुतिन कई मौकों पर उन्हें अपना अच्छा दोस्त कह चुके हैं. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन विवाद का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए और भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है.

पुतिन और मोदी इन 10 साल में 18 बार मुलाकात कर चुके हैं. इस दौरान पीएम मोदी 7 बार रूस जा चुके हैं. भारत और रूस की दोस्ती सालों से दुनिया देखते आ रही है, जिसे पीएम मोदी ने पुतिन से दोस्ती के जरिए एक नया मुकाम दिया है. मॉस्को में कई बार दोनों की यारी की तस्वीरें इंटरनेट पर इनके दुश्मन देशों की हालत खराब करती है.

जब कोई नहीं तो रूस के साथ भारत था खड़ा

रूस हर मुद्दे पर भारत को लेकर वफादार रहा है. वक्त ऐसा भी आया कि अमेरिका समेत यूरोपीय देश रूस के विरोध में खड़े थे, पीएम मोदी ही थे जिन्होंने रूस से बुरे समय में भी तेल खरीदना जारी रखा. बिना किसी के परवाह किए.

 दोस्ती इतनी गहरी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर थे. हालांकि, इस सम्मान की घोषणा 2019 में ही कर दी गई थी. इस दौरान पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करते हुए पुतिन ने कहा कि प्रिय मित्र, मैं आपको इस सर्वोच्च रूसी पुरस्कार के लिए हार्दिक बधाई देता हूं.

रूस ने भारत को क्या क्या दिया?

  • मिग-21 लड़ाकू विमान
  • सुखोई जेट
  • ब्रह्मोस मिसाइल
  • एस-400 मिसाइल सिस्टम

भारतीय सेना में हैं ज्यादातर रूसी हथियार

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन गया है. भारतीय सेनाओं में 85 प्रतिशत से ज्यादा उपकरण रूस के ही हैं. साल 2014 से 2018 और 2019 से 2020 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 प्रतिशत बढ़ा है. भारत ने अपने कुल हथियार आयात का 45 प्रतिशत रूस से ही खरीदा है. साल 1960-64 के सोवियत संघ के दौर के बाद पहली बार भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी घट कर 50 प्रतिशत से कम हुई है.

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