पढ़े कम, लड़े ज़्यादा! पाकिस्तान ने इन 10 मोर्चों पर भारत के सामने टेक दिए घुटने

1995 में भारत से आगे था पाकिस्तान, लेकिन 2024 में हालात ऐसे कि महंगाई आसमान पर, जेब में सिर्फ कर्ज़ और ज़ुबान पर जंग की बातें! पढ़ाई से दूरी, हेल्थ और एजुकेशन में इन्वेस्टमेंट ना के बराबर, और पूरी जनता को पीछे छोड़ फौज बनी VIP – पाकिस्तान ने GDP, साक्षरता, जीवन प्रत्याशा, फ़ॉरेक्स और रोजगार जैसे हर मोर्चे पर भारत के सामने टेक दिए घुटने;

By :  अमन बिरेंद्र जायसवाल
Updated On : 25 April 2025 2:41 PM IST

जंग के पहले ही हार गया पाकिस्तान

ये जंग बॉर्डर पर नहीं लड़ी गई.

कोई मिसाइल नहीं गिरी, कोई बम नहीं फटा, कोई टैंक नहीं चला.

फिर भी पाकिस्तान ने ये जंग हार दी — और हार भी ऐसी कि न उसकी अवाम को पता चला, न सरकार को.

क्योंकि ये जंग थी आंकड़ों की, तरक्की की, और सोच की.

और भारत ने इसमें बिना एक भी गोली चलाए क्लीन स्वीप कर दिया.

1. गरीब जनता, अमीर फौज

जब मुल्क में जनता रोटी के लिए लाइन में खड़ी हो और आर्मी गोल्फ क्लब में बैठी हो — तो समझिए कि हार की शुरुआत हो चुकी है.

भारत की पर कैपिटा इनकम (2024): ₹2.2 लाख

पाकिस्तान की पर कैपिटा इनकम (2024): ₹1.3 लाख

यानी औसतन हर भारतीय, हर पाकिस्तानी से लगभग 70% ज़्यादा कमाता है.

और ये सब अचानक नहीं हुआ.

1995 से 2005 तक पाकिस्तान भारत से बेहतर था इनकम के मामले में.

पर जहाँ भारत ने डिजिटल इंडिया, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन को अपनाया,

पाकिस्तान उलझा रहा कट्टरपंथ, कर्ज़ और कश्मीर में.

स्रोत: आईएमएफ वर्ल्ड आउटलुक 2024 | वर्ल्ड बैंक डेटा

2. ज़िंदगी भी छोटी!

बात सिर्फ पैसों की नहीं है, ज़िंदगी की भी है.

भारत में जीवन प्रत्याशा: 72.2 वर्ष

पाकिस्तान में जीवन प्रत्याशा: 67.8 वर्ष

मतलब हर पाकिस्तानी औसतन 4.5 साल कम जी रहा है.

जब स्वास्थ्य सिस्टम हो कमज़ोर, और सड़कों पर मौतें आम हों — तो कोई चमत्कार नहीं है.

स्रोत: वर्ल्ड बैंक लाइफ एक्सपेक्टेंसी 2024

3. पढ़े कम, लड़े ज़्यादा!

भारत की साक्षरता दर: 80%

पाकिस्तान की साक्षरता दर: 58%

जहाँ एक तरफ़ भारतीय बच्चा कोडिंग सीख रहा है, वहाँ पाकिस्तानी बच्चा कुरान पढ़ कर मदरसे से बाहर आ रहा है, लेकिन बिना स्किल्स.

किताब से डर, बंदूक से प्यार — यही हालात बना देते हैं एक मुल्क को विकासशून्य.

स्रोत: यूनेस्को लिटरेसी रिपोर्ट 2024

4. पढ़ाई पे इनवेस्टमेंट? भूल जाओ!

भारत: एजुकेशन बजट = जीडीपी का 4.1%

पाकिस्तान: सिर्फ 1.9%

जहाँ स्कूल बंद हों, वहाँ जेलें खुलती हैं.

जहाँ शिक्षा में निवेश नहीं, वहाँ युवाओं में ग़लत दिशा आम है.

वर्ल्ड बैंक एजुकेशन डेटा 2024

5. इलाज भी भगवान भरोसे

भारत: हेल्थ एक्सपेंडिचर = 3.4%

पाकिस्तान: 3.0%

यहाँ हॉस्पिटल्स मिलते हैं, वहाँ सिर्फ़ 'हॉली होप्स'.

पाकिस्तान में हेल्थकेयर का मतलब है — या तो आर्मी हॉस्पिटल, या लाहौर से भाग कर इंडिया आओ.

स्रोत: डब्ल्यूएचओ हेल्थ डेटा 2024

6. गन्स > रोटी

पाकिस्तान: मिलिट्री बजट = 3.5% जीडीपी

भारत: 2.4%

पाकिस्तान की असली सरकार हमेशा से उसकी आर्मी ही रही है.

जनता भूखी रहे, फौज की रोटी और रायफल दोनों दुरुस्त होनी चाहिए — यही है “नया पाकिस्तान.”

स्रोत: एसआईपीआरआई मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024

7. कर्ज़ में डूबा मुल्क

पाकिस्तान का एक्सटर्नल डेब्ट: $130 बिलियन

अब हर त्योहार पर IMF से लोन मांगना एक परंपरा बन चुका है.

कभी सऊदी से तेल, कभी चीन से कर्ज़...और बदले में क्या जाता है? आत्मसम्मान.

स्रोत: वर्ल्ड बैंक डेब्ट डेटा 2024

8. महंगाई का लेवल — जलता पाकिस्तान

पाकिस्तान में महंगाई: 30%

भारत: 4.8%

पाकिस्तान में ब्रेड ख़रीदना भी ईएमआई जैसा फील देता है.

जनता कहती है, “अल्लाह मालिक है,” क्योंकि सरकार तो बाज़ार की भी मालिक नहीं रही.

स्रोत: पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स 2024

9. यंगिस्तान बेरोज़गार

पाकिस्तान में यूथ अनएम्प्लॉयमेंट: 20%

भारत: 10%

जब डिग्री हो, पर मार्केट में स्किल की वैल्यू न हो — तब frustration बढ़ता है, और आतंकवाद पनपता है.

स्रोत: आईएलओ रिपोर्ट्स 2024

10. फ़ॉरेक्स? बस नाम का!

पाकिस्तान का फॉरेक्स रिज़र्व: $4 बिलियन

भारत: $600+ बिलियन

पाकिस्तान का स्टेट बैंक खुद पूछता है – "डॉलर का फेस देखा है कभी?"

स्रोत: एसबीपी और आरबीआई डेटा 2024

पाकिस्तान ने जंग में नहीं, विकास में हार मानी है.

जहाँ भारत ने डिजिटल, एजुकेशन, हेल्थ और स्टैबिलिटी पर ध्यान दिया —

वहाँ पाकिस्तान ने सिर्फ फौज, धर्म, और प्रोपेगेंडा पे टाइम खर्च किया.

तो अगली बार जब कोई बोले “पाकिस्तान जंग जीत सकता है,”

तो ये रिपोर्ट उसके मुंह पे टैग कर देना.

क्योंकि असली जंग तो बिना बंदूक के ही हार चुका है वो.

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