पाकिस्तान की नई मिसाइल उसे न बना दे अमेरिका का दुश्मन, सामने आई डराने वाली रिपोर्ट; शक के दायरे में चीन का रोल
Foreign Affairs की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अमेरिका तक मार करने वाली परमाणु ICBM मिसाइल विकसित कर रहा है. यह कदम भारत की सैन्य बढ़त और मिसाइल डिफेंस सिस्टम से घबरा कर उठाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह मिसाइल तैयार होती है, तो अमेरिका पाकिस्तान को ‘न्यूक्लियर दुश्मन’ घोषित कर सकता है. इसमें चीन की गुप्त मदद का भी संदेह है.;
पाकिस्तान अब सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी परमाणु खतरा बनता जा रहा है. अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका Foreign Affairs की एक विस्फोटक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना एक ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) तैयार कर रही है, जिसकी मारक क्षमता अमेरिका तक होगी और जिसे परमाणु हथियारों से लैस किया जा सकेगा.
यह ख़ुलासा ऐसे वक्त में सामने आया है जब भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सैन्य कार्रवाई के बाद इस्लामाबाद में हड़कंप मचा है और वह चीन की मदद से अपने परमाणु जखीरे को और खतरनाक बनाने में जुटा है.
ICBM के मायने और खतरे
ICBM यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, ऐसी मिसाइल होती है जो 5,500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार कर सकती है और परमाणु हथियारों से लैस हो सकती है. अगर पाकिस्तान इस मिसाइल को विकसित करने में सफल होता है, तो अमेरिका की नजरों में वह 'न्यूक्लियर एडवर्सरी' (परमाणु दुश्मन देश) बन जाएगा. अब तक अमेरिका रूस, चीन और उत्तर कोरिया को ही इस श्रेणी में गिनता है.
क्यों बढ़ी पाकिस्तान की मिसाइल भूख?
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान यह मिसाइल भारत के बढ़ते सैन्य प्रभुत्व और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को देखते हुए बना रहा है. 1974 में भारत द्वारा पहले परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम शुरू किया था और 1998 में खुद को परमाणु ताकत घोषित किया. अब वह इस ताकत को अमेरिका जैसे सुपरपावर तक पहुंचाने की तैयारी में है - और इसमें चीन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
पाकिस्तान-चीन गठजोड़: एक वैश्विक संकट
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही चीन सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के ICBM प्रोजेक्ट का समर्थन न कर रहा हो, लेकिन उसकी सैन्य और आर्थिक मदद इस महत्वाकांक्षी योजना को ‘गुपचुप समर्थन’ दे रही है. इससे भारत-अमेरिका की सुरक्षा रणनीति और जटिल होती जा रही है.
पाकिस्तान के परमाणु हथियार और आतंकी खतरा
सबसे बड़ी चिंता यह है कि पाकिस्तान का परमाणु भंडार आतंकी संगठनों के हाथ न लग जाए. देश के भीतर अस्थिरता और कट्टरपंथी संगठनों की मौजूदगी इस खतरे को और गहरा करती है. अगर ऐसी मिसाइलें या परमाणु तकनीक असुरक्षित हाथों में चली गई, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक त्रासदी बन सकती है.
पाकिस्तान का यह ICBM प्रोजेक्ट केवल दक्षिण एशिया में नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई शीत युद्ध की भूमिका तैयार कर रहा है. भारत और अमेरिका को न सिर्फ इस विकास पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है, बल्कि चीन-पाकिस्तान गठजोड़ से पैदा हो रहे भविष्य के परमाणु खतरे का भी ठोस जवाब तैयार करना होगा.