ऑपरेशन सिंदूर की आंधी से दहशत में पाक! रावलपिंडी छोड़ सुरंग में घुसी सेना, नया हेडक्वार्टर अब जमीन के नीचे
ऑपरेशन सिंदूर के ट्रेलर के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. डर के मारे पाक सेना अपना जनरल हेडक्वार्टर रावलपिंडी से इस्लामाबाद के मरगला की पहाड़ियों में 10 किलोमीटर लंबी सुरंग में शिफ्ट कर रही है. भारत की सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका से सेना, अफसर और आतंकी अंडरग्राउंड हो चुके हैं। पाकिस्तान पूरी तरह भयग्रस्त है.;
पहली बार ऐसा लग रहा है कि भारत‑पाक सीमा पर बंदूकें नहीं, बल्कि डर की आवाज़ गूंज रही है. पाक उप‑प्रधानमंत्री इशाक डार ने दावा किया कि संघर्ष विराम सिर्फ 18 मई तक है, इसलिए इस्लामाबाद में अफरा‑तफरी मची हुई है. लोग पूछ रहे हैं कि अगर आधी रात के बाद गोलियां फिर चलीं तो क्या होगा, और क्या भारतीय सेना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अगला चरण शुरू कर देगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ “ठहर” गया है, ख़त्म नहीं हुआ. दोनों नेताओं के सख़्त बयानों ने पाकिस्तान की सियासत और सेना में बेचैनी बढ़ा दी है. नतीजा यह है कि रावलपिंडी से लेकर कराची तक सेना और आतंकी नेटवर्क के लोग भूमिगत ठिकाने खोज रहे हैं. हालांकि भारतीय सेना ने कहा है कि सीजफायर को आगे बढ़ाने की जरूरत ही नहीं, क्योंकि वह पहले से अनिश्चित काल के लिए मान्य है.
सेना मुख्यालय कर रही शिफ्ट
सबसे बड़ा संकेत यह है कि जनरल मुनीर की सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर इस्लामाबाद के पास मरगला पहाड़ियों में ले जा रही है. हेडक्वार्टर का शिफ्ट होना केवल दफ्तर बदलना नहीं. यह बताता है कि पाक फौज भारतीय वायुसेना के अगली स्ट्राइक को लगभग तय मान चुकी है.
नया नहीं है मरगला प्रोजेक्ट
मरगला प्रोजेक्ट कोई नया विचार नहीं है. परवेज़ मुशर्रफ़ ने 2004 में इसकी नींव रखी थी. दो दशक से रुकी योजना अचानक तेज़ इसलिए हुई, क्योंकि 10 मई को भारतीय लड़ाकू विमानों ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर सटीक वार किया. नई जगह पर छह‑बेडरूम वाले 90 बंगले, चार‑बेडरूम वाले 300 मकान और लगभग 15 हज़ार लग्ज़री अपार्टमेंट तैयार खड़े हैं.
सुरंग में शिफ्ट क्यों?
मरगला की पहाड़ियों के भीतर लगभग 10 किलोमीटर लंबी सुरंग में नया जीएचक्यू बनाया गया है. मोटी चट्टानों की परतें इसे बम और क्रूज़‑मिसाइल हमलों से बचाती हैं. ऊपर पहाड़, नीचे स्टील‑कंक्रीट की परकोटी यानी “ब्लास्ट‑प्रूफ़” सुरक्षा. पास ही इस्लामाबाद एयरबेस 3 किमी और नौसेना का मुख्यालय 6 किमी पर है, इसलिए जमीन‑से‑हवा मिसाइल या फाइटर जेट मदद में तुरंत पहुंच सकते हैं. पाकिस्तान के रणनीतिकार मानते हैं कि पहाड़ी अंदरूनी ठिकाने में बैठकर वे भारतीय वायु हमलों से बचेंगे और कमांड‑एंड‑कंट्रोल तंत्र सुरक्षित रहेगा.
पत्रकार ने किया दिया था बयान?
डर का सबसे ताज़ा सबूत पाक पत्रकार हामिद मीर का बयान है. उन्होंने कहा कि भारत ने JF‑17 लड़ाकू विमान बनाने वाली फैक्ट्री को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, बस समय तय नहीं हुआ. यही आशंका पाक सेना को लगातार हिलाए हुए है और वह हर संवेदनशील इकाई को गुप्त या पहाड़ी ठिकानों में छिपा रही है.
सुरंग में ही होगा मुनीर का आवास
भारतीय खुफिया सूत्र बताते हैं कि कंट्रोल‑रूम, सेनाध्यक्ष का दफ्तर, यहां तक कि जनरल मुनीर का आवास भी सुरंग में ही होगा. इस बदलाव की रफ्तार देखकर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पाक सेना 30 दिन के भीतर पूरी तरह मरगला में सिमट जाएगी. अब निगाहें आज आधी रात के बाद की हर हलचल पर हैं. फिलहाल इतना साफ है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ट्रेलर रावलपिंडी ने देख लिया, और पूरी फ़िल्म से बचने के लिए वह पहाड़ों की गहराई में जा छिपा है.