दोस्ती से दुश्मनी तक! पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बिगड़ते संबंध, तालिबान ने एयर स्ट्राइक का दिया जवाब
Pakistan-Afghanistan relations: अफगान तालिबान और पाकिस्तान के बीच इस समय टकराव की स्थिति में हैं. पाकिस्तान ने हाल में ही अफ़गानिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया, जिसके जवाब में अपगानिस्तान ने भी हमला शुरू कर दिया है.;
Pakistan-Afghanistan relations: जब तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्ज़ा किया, तो पाकिस्तान उन चंद देशों में से एक था, बेहद खुश था. हालांकि, तालिबान ने शुरू से ही पाकिस्तान को नकारा है.
तालिबान ने पाकिस्तान के एयर स्ट्राइक के जवाब में शुक्रवार की रात सीमा पार कर एक बड़ा हमला किया, जिसमें कम से कम पाकिस्तानी 19 सैनिक मारे गए. वहीं पाकिस्तानी सेना का दावा है कि जवाबी कार्रवाई में उसने 13 तालिबान लड़ाकों को मार गिराया है.
करीबी दोस्त कैसे बन गया दुश्मन?
लगभग दो दशकों तक अफगान - तालिबान ने अफगानिस्तान में 40 से ज़्यादा देशों के अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन से लड़ाई लड़ी. उस समय पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में तालिबान नेताओं को शरण दी थी.
तालिबान ने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जो पाकिस्तानी समाज के पूरे स्पेक्ट्रम में अपने जैविक संबंधों को बढ़ावा दे सकता था. इसने तालिबान को विद्रोह शुरू करने के लिए जगह और अवसर दिया जो आने वाले सालों में घातक बन गया। तालिबान को मज़बूत करने और अफ़गानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार को पीछे हटाने में पाकिस्तान की अहम भूमिका थी.
डूरंड रेखा को लेकर क्या है विवाद?
औपनिवेशिक काल की सीमा रेखा डूरंड रेखा दोनों देशों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है. डूरंड रेखा को दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता दिए जाने के बावजूद 1947 में पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से अफ़गानिस्तान ने कभी भी इस रेखा को मान्यता नहीं दी.
यह अफ़गानिस्तान में एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है, जहां काबुल इस रेखा को पश्तूनों को विभाजित करने का दोषी मानता है. इस कारण वर्तमान तालिबान शासन भी डूरंड रेखा की वैधता को खारिज करता है. इसे अफ़गानिस्तान में पाकिस्तान की रणनीतिक असफलता के रूप में देखा जाता है.