छलनी हो गया आतंकी मसूद अज़हर! छोटा भाई रऊफ असगर भी Operation Sindoor में हो गया ढेर
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की आतंकी रीढ़ तोड़ दी है. मसूद अज़हर का छोटा भाई और जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल चीफ रऊफ असगर मारा गया है. वह भारत के खिलाफ कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था. पठानकोट, पुलवामा, IC-814 और संसद पर हमले में उसकी अहम भूमिका रही. अब उसकी मौत से आतंकी नेटवर्क को गहरी चोट पहुंची है.;
ऑपरेशन सिंदूर ने मसूद अज़हर को तोड़कर रख दिया है. दूसरों को गिराने और उन्हें खून के आंसू रुलाने वाला आज खुद उसी हाल में पहुँच गया है. ऑपरेशन सिंदूर में रऊफ असगर (Rauf Asghar) भी ढेर हो गया है.
वह इस संगठन के संस्थापक मसूद अज़हर का छोटा भाई है और लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों का संचालन करता आ रहा था. खासकर भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में उसकी अहम भूमिका रही है. रऊफ संगठन के वित्तीय, प्रशासनिक और सैन्य अभियानों का संचालन करता है और मसूद अज़हर के बाद संगठन में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता था.
मसूद के मारे गए 14 करीबी
न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी की रिपोर्टों से मिली जानकारी के मुताबिक आधी रात वाले भारत के ऑपरेशन में मसूद के जो 14 करीबी मारे गए थे, उनमें यह भी शामिल था. रऊफ असगर संगठन के सभी आतंकवादी अभियानों की योजना बनाता और उन्हें अंजाम देता है. मसूद अज़हर की गिरफ्तारी के बाद, रऊफ असगर ने अस्थायी रूप से संगठन की कमान संभाली और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर कई आतंकवादी हमलों की साजिश रची.
प्रमुख आतंकी हमलों में भूमिका
1. IC-814 हाइजैकिंग (1999)
रऊफ असगर ने भारतीय विमान IC-814 के अपहरण की साजिश रची, जिसके बाद मसूद अज़हर और अन्य आतंकवादियों को रिहा किया गया.
2. लोकसभा हमला (2001)
रऊफ असगर ने इस हमले की योजना बनाई, जिसमें भारतीय संसद भवन पर हमला किया गया था.
3. पठानकोट एयरबेस हमला (2016)
इस हमले में भी रऊफ असगर की भूमिका थी, जिसमें भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर हमला किया गया था.
4. नागरोटा हमला (2016)
रऊफ असगर ने इस हमले की योजना बनाई, जिसमें भारतीय सेना के शिविर पर हमला किया गया था.
5. पुलवामा हमला (2019)
इस आत्मघाती हमले में भी रऊफ असगर की संलिप्तता थी, जिसमें CRPF के 40 से अधिक जवान शहीद हुए थे.
भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रऊफ असगर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन चीन ने तकनीकी कारणों से इस पर रोक लगा दी थी. भारत ने लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के लिए इसे कई बार दोषी ठहरा चुका है और उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा था.