क्या मेटा से छिन जाएंगे Instagram और WhatsApp? जानें कंपनी FTC के किन आरोपों का कर रही सामना

मेटा (फेसबुक) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और उनकी कंपनी इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को सालों में पहले हुई डील को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोप में कहा गया कि मेटा ने "खरीद लो या खत्म कर दो" की नीति अपनाई और इसकी के तहत इन प्लेटफॉर्म को खरीदा है. क्योंकि यह यूजर्स के बीच काफी पॉपुलर हो रहे थे. बाजार में अपना दबदबा बनाने के लिए यह डील की थी. हालांकि कंपनी ने इस आरोपों का खंडन किया है.;

( Image Source:  canava )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 14 April 2025 3:25 PM IST

Instagram And WhatsApp: दुनिया का सबसे बड़े सोशल मीडिया मेटा (फेसबुक) के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग और उनकी कंपनी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रही है. उन पर आरोप है कि उन्होंने बाजार में अन्य कंपनियों की तरह प्रतिस्पर्धा में शामिल इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को खरीदा था. मेटा के खिलाफ पिछले 6 साल से यह मामला चल रहा है. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार 14 अप्रैल से फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) का मेटा के खिलाफ एंटीट्रस्ट (प्रतिस्पर्धा-विरोधी) मुकदमा हो रहा है. अब इस मामले की जांच होगी और कानूनी लड़ाई का नतीजा है, जो मेटा के भविष्य को तय कर सकता है.

कोर्ट में चलेगा मुकदमा

सोमवार को FTC और मेटा के वकील अमेरिकी जिला जज जेम्स बोसबर्ग के सामने अपने शुरुआती बयान देंगे. कहा जा रहा है कि यह ट्रायल करीब सात से आठ हफ्ते तक चल सकता है. उस दौरान दोनों पक्ष अपनी दलील पेश करेंगे और गवाहों की गवाही और भी सबूत पेश किए जाएंगे. बता दें कि यह केस ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान का है. अब FTC अध्यक्ष एंड्रयू फर्ग्यूसन की अगुवाई में ट्रायल हो रहा है.

विवाद खत्म करने की अपील

NPR की रिपोर्ट के अनुसार, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि ज़ुकरबर्ग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात कर FTC को यह केस बंद करने के लिए कहा था, हालांकि मेटा ने इस बात से इनकार किया है. ट्रंप और ज़ुकरबर्ग के बीच हमेशा तनाव देखने को मिला है. साल 2021 में कैपिटल में दंगे हुए थे, जिसके पीछे ट्रंप समर्थकों को बताया गया था. इसके बाद मेटा ने ट्रंप को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया गया था.

मेटा का बयान

हाल ही में इस पूरे विवाद पर मेटा के प्रवक्ता क्रिस्टोफर स्क्रो ने कहा था कि FTC का केस हकीकत से दूर है. मेटा एक बहुत प्रतिस्पर्धी सोशल मीडिया मार्केट में काम करता है. उन्होंने कहा, ट्रायल में यह साफ हो जाएगा कि हर 17 साल का युवा जानता है कि इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप TikTok, YouTube, X, iMessage और कई और से मुकाबला करते हैं. हमने को भी डील किसी कंपनी का अस्तित्व खत्म करने के लिए नहीं की.

उन्होंने यह भी कहा, FTC ने हमारे इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की डील 10 साल पहले मंजूर कर दिए थे. अब इस केस से यह संदेश जा रहा है कि कोई भी सौदा कभी पक्का नहीं होता. वहीं FTC का आरोप है कि मेटा ने 2012 में इंस्टाग्राम और 2014 में व्हाट्सऐप को इसलिए खरीदा ताकि वह अपने मुकाबले की कंपनियों को खत्म कर सके और सोशल मीडिया पर दबदबा बना सके.

क्या है मेटा की नीति?

सरकार का आरोप है कि मेटा ने खरीद लो या खत्म कर दो" की नीति अपनाई. 2012 की इंटरनल ईमेल में ज़ुकरबर्ग ने लिखा था कि इंस्टाग्राम को खरीदने का मकसद प्रतियोगी को खत्म करना था. सरकार इसी को अपने सबूत के तौर पर पेश करेगी. FTC का कहना है कि मेटा से इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को अलग करना जरूरी है ताकि सोशल मीडिया मार्केट में फिर से प्रतिस्पर्धा आ सके.

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