भारत से पंगा लेकर बुरा फंसा मालदीव! राष्ट्रपति आधी सैलरी लेने को मजबूर; सरकारी कर्मियों के वेतन में भी कटौती
मालदीव को भारत से पंगा लेना भारी पड़ गया है. लगातार कमजोर होती आर्थिक स्थिति को देखते हुए खुद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपनी सैलरी में कटौती करनी पड़ी है. मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय के बयान के मुताबिक, वे अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में अनिवार्य रूप से 10 प्रतिशत वेतन कटौती लागू कर रहे हैं, जो कि अब तक की सबसे बड़ी वेतन कटौती है.;
Mohamed Muizzu: आर्थिक तंगी से जूझ रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत से पंगा लेना भारी पड़ा है. अब उन्हें कम खर्ची योजना के तहत अपनी सैलरी में 50 फीसदी की कटौती की है. बता दें कि पर्यटकों के भरोसे चलने वाले मालदीव की आर्थिक लगातार खराब होती जा रही है. इसी को देखते हुए वहां की सरकार ने खर्च कम करने को लेकर कुछ कदम उठाने का एलान किया है. उसी कड़ी में राष्ट्रपति ने भी कम वेतन लेने का निर्णय लिया है. मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय के बयान के मुताबिक, वे अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में अनिवार्य रूप से 10 प्रतिशत वेतन कटौती लागू कर रहे हैं, जो कि अब तक की सबसे बड़ी वेतन कटौती है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के एक सूत्र ने बताया कि मुइज्जू का वार्षिक वेतन अगले साल घटाकर 600,000 रुफिया (39,087 डॉलर) कर दिया जाएगा - जो 2016 की जनगणना के अनुसार 1.2 मिलियन रुफिया से कम है, लेकिन औसत घरेलू आय 316,740 रुफिया प्रति वर्ष से लगभग दोगुना है. जजों और सांसदों को कटौती से छूट दी जाएगी. हालांकि मुइज्जू ने कहा कि हमें आशा है कि सभी लोग अपनी इच्छा से 10 प्रतिशत की कटौती पर सहमति देकर बोझ हल्का करने का काम करेंगे.
इस कदम से मालदीव को कितनी होगी बचत?
दो सप्ताह पहले मुइज्जू ने देश के खर्चों को कम करने के प्रयास में मंत्रियों सहित 225 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों को खत्म कर दिया था. जिनमें से 7 मंत्री, 43 उप मंत्री और 178 राजनीतिक निदेशक शामिल हैं. मालदीव के इस कदम से देश में हर महीने करीब 370,000 डॉलर से अधिक की बचत हो सकती है.
वित्त मंत्री मूसा जमीर ने कहा कि 'राजनीतिक नियुक्तियों के वेतन पर खर्च सरकार के पूरा वेतन और HA का 4 प्रतिशत से भी कम है. तथा पूरे राज्य खर्च का 1 प्रतिशत है. ज़मीर ने आगे कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों पर होने वाले वार्षिक भुगतान की लागत लगभग 120 मिलियन MVR होगी, जो औसतन 10 मिलियन MVR प्रति माह होगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में राजनीतिक कर्मचारियों की संख्या 1,200 से अधिक है.'
भारत और मालदीव का विवाद
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने चुनावी अभियान के दौरान "इंडिया आउट" कैंपेन चलाया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पार्टी ने संसदीय चुनाव में जीत हासिल की. इसके बाद, चीन ने उन्हें बधाई दी. मुइज़ू ने देश में रहने वाले भारतीयों से वापस लौटने का आग्रह किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था.
मोदी ने इस दौरान लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का अनुभव साझा करते हुए कहा था कि 'वह वहां की अद्भुत सुंदरता और लोगों की गर्मजोशी से प्रभावित हैं. उन्होंने अगत्ती, बंगाराम और कावारत्ती में स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया था. इसके बाद, लक्षद्वीप में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई थी, जिसका असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिला था. इस दौरान भारत और मालदीव के बीच तनाव भी देखा गया था.