रूसी सैनिकों को मारो, पॉइंट्स जीतो इनाम पाओ: रूस-यूक्रेन युद्ध में आया 'गेमिफिकेशन' का नया मॉडल

यूक्रेन ने युद्ध को एक नए स्तर पर ले जाते हुए ड्रोन हमलों के लिए e-points स्कीम शुरू की है. इस योजना के तहत, रूसी सैनिकों को मारने या हथियार नष्ट करने पर यूनिट्स को पॉइंट्स मिलते हैं, जिन्हें उपकरण या इनाम में बदला जा सकता है. Brave 1 Market के जरिए सैनिक पॉइंट्स से ड्रोन और सैन्य गियर खरीद सकते हैं. इसका उद्देश्य है युद्ध में दक्षता बढ़ाना और थके हुए सैनिकों को प्रेरित करना.;

( Image Source:  X/@osint_east )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 19 July 2025 12:04 PM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध अब सिर्फ़ बंदूक और बम तक सीमित नहीं है. इस युद्ध में एक नया और विवादित मोड़ आया है, जिसे ‘Army of Drones: Bonus’ या ‘e-points’ स्कीम कहा जा रहा है. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना यूक्रेन में पहली बार पिछले साल ट्रायल की गई थी. इस स्कीम के तहत, यूक्रेनी सेना के यूनिट्स को रूसी सैनिकों को मारने या उनके सैन्य उपकरण नष्ट करने पर पॉइंट्स दिए जाते हैं. इन पॉइंट्स को आगे चलकर इनाम में बदला जा सकता है - कभी अतिरिक्त हथियार और उपकरण, तो कभी कैश रिवार्ड. विशेषज्ञ इसे 'युद्ध का गेमिफिकेशन' कह रहे हैं.

यह कॉन्सेप्ट सुनने में वीडियो गेम जैसा लगता है, लेकिन यह पूरी तरह असली है. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ दुश्मन को हराने की रणनीति नहीं है, बल्कि थके-हारे सैनिकों को प्रेरित करने का एक तरीका भी है. जानकारी के अनुसार, अब तक यूक्रेन की 90-95% यूनिट्स इस सिस्टम से जुड़ चुकी हैं. इतना ही नहीं, एक खास ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “Brave 1 Market” भी बनाया गया है, जहां सैनिक इन पॉइंट्स का उपयोग कर अपनी जरूरत का सैन्य सामान ऑर्डर कर सकते हैं.

 

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सिस्टम कैसे काम करता है?

  • यह बिल्कुल वीडियो गेम के 'किलस्ट्रीक रिवार्ड' जैसा है. जितना बड़ा और महत्वपूर्ण लक्ष्य, उतने ज़्यादा पॉइंट्स.
  • मल्टीपल रॉकेट लॉन्च सिस्टम नष्ट करने पर: 50 पॉइंट
  • टैंक नष्ट करने पर: 40 पॉइंट
  • टैंक को डैमेज करने पर: 20 पॉइंट

सबसे दिलचस्प बात यह है कि किसी रूसी सैनिक को मारने पर 1 पॉइंट, लेकिन कैद करने पर 10 गुना यानी 10 पॉइंट मिलते हैं.

इन पॉइंट्स को अब सीधे ‘Brave 1 Market’ नामक एक प्लेटफ़ॉर्म पर कन्वर्ट किया जा सकता है. इसे ‘Amazon for war’ कहा जा रहा है. यहां सैनिक 1,600 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स में से चुन सकते हैं - ड्रोन, हथियारों के पार्ट्स, या ज़मीन पर चलने वाले रोबोटिक व्हीकल्स, जो घायल सैनिकों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. पेमेंट रक्षा मंत्रालय करता है.

यूक्रेन का दावा

यूक्रेन के डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन मंत्री मिखाइलो फेडोरोव के अनुसार, यह सिस्टम सिर्फ़ मोटिवेशन के लिए नहीं है, बल्कि डेटा-ड्रिवन वॉर स्ट्रेटेजी का हिस्सा भी है. “हमारे पास अब क्वालिटी डेटा है. हम इससे रणनीति तय करते हैं और ज़रूरी बदलाव करते हैं.”

फ्रंटलाइन सोल्जर्स की राय

  1. सकारात्मक प्रतिक्रिया: कई सैनिक इसे मोटिवेशनल मानते हैं क्योंकि इस स्कीम से उन्हें ड्रोन और ज़रूरी उपकरण मिल जाते हैं.
  2. नकारात्मक प्रतिक्रिया: कुछ सैनिकों का कहना है कि इससे नैतिक सवाल उठते हैं। कुछ ने तो इसे ‘मौत का बिज़नेस’ कहा.

क्यों विवादित है यह स्कीम?

कई आलोचकों का मानना है कि यह युद्ध को एक वीडियो गेम की तरह पेश करता है, जहां इंसानी जान की कीमत पॉइंट्स में लगाई जा रही है. वहीं समर्थक इसे सर्वाइवल स्ट्रेटेजी बता रहे हैं.

 

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यूक्रेन की ड्रोन वॉर डॉमिनेशन

रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी कमांडर्स का दावा है कि अब 70% रूसी हताहतों का कारण ड्रोन अटैक है. फ्रंटलाइन से रोज़ाना हजारों ड्रोन फुटेज अपलोड होती हैं, जो न सिर्फ़ सैन्य रणनीति बल्कि इनाम की दौड़ का हिस्सा बन चुकी हैं.

पॉइंट्स के बदले मौत. इनाम के बदले गोलियां. यह है 21वीं सदी का युद्ध, जहां टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी ने मोर्चे को बदल दिया है. लेकिन सवाल वही है - क्या यह सिस्टम जीत दिलाएगा या मानवता को और नीचे ले जाएगा? इस रिपोर्ट ने न सिर्फ युद्ध की रणनीति पर बहस छेड़ दी है, बल्कि नैतिकता को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं - क्या दुश्मन को मारने पर इनाम देना सही है, या यह युद्ध को एक खतरनाक खेल में बदल रहा है?

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