क्या बंद हो रहा है Google का Chrome Browser? अमेरिकी सरकार ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप

अमेरिकी न्याय विभाग गूगल के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. विभाग, गूगल की पैरेंट अल्फाबेट को अपने क्रोम इंटरनेट ब्राउजर (Google Chrome Browser) को बेचने के लिए मजबूर करने के लिए कोर्ट से आदेश में मांगने की योजना बना रहा है. एडवरटाइजर और मार्केटर्स के साथ डेटा शेयर करने को कहा है. साथ ही विज्ञापनदाताओं को विज्ञापन प्लेसमेंट पर कंट्रोल, वेबसाइटों को गूगल के एआई डेटा उपयोग से ऑप्ट-आउट करने की सुविधा देना है.;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 9 Dec 2025 1:34 PM IST

Google Chrome Browser: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) अपना सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला गूगल क्रोम ब्राउजर बेचने वाली है. अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक DOJ ने गूगल के खिलाफ अपनी अविश्वास कार्रवाई को तेज कर दिया है. इसका उद्देश्य गूगल की मोनोपोली को कम करना और कम्पटीशन को बढ़ावा देना है. विभाग की इस कार्रवाई में गूगल क्रोम ब्राउजर व कंपनी की अन्य सर्विस पर सवाल उठाए गए हैं.

क्या है गूगल पर आरोप?

कुछ समय पहले DOJ, गूगल की पैरेंट अल्फाबेट को अपने क्रोम इंटरनेट ब्राउजर (Google Chrome Browser) को बेचने के लिए मजबूर करने के लिए कोर्ट से आदेश में मांगने की योजना बना रहा है. विभाग के जस्टिस अमित मेहता ने अगस्त में फैसला सुनाया था कि गूगल ने अवैध रूप से सर्च मार्केट पर कब्जा कर लिया है. जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके एंड्रॉइड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित उपायों की जरूरत हो. जज गूगल को क्रोम बेचने का आदेश दें ऐसी मांग की जा रही है.

DOJ ने की सिफारिश

DOJ ने गूगल की बिजनेस स्ट्रेटेजी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है. एडवरटाइजर और मार्केटर्स के साथ डेटा शेयर करने को कहा है. साथ ही विज्ञापनदाताओं को विज्ञापन प्लेसमेंट पर कंट्रोल, वेबसाइटों को गूगल के एआई डेटा उपयोग से ऑप्ट-आउट करने की सुविधा देना है. अगर जस्टिस विभाग की सिफारिश मान लेते हैं तो Google को अपने सबसे बड़े बिजनेस में से एक क्रोम को बेचना पड़ सकता है. बता दें कि दुनिया भर में गूगल क्रोम के करोड़ों यूजर्स हैं, जिसके इस्तेमाल के बिना कई काम रुक सकते हैं.

गूगल ने दिया ये जवाब

गूगल ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी है. कंपनी की ओर से रेगुलेटरी रिलेशनशिप की उपाध्यक्ष ली-ऐनी मुलहोलैंड ने विभाग की कार्रवाई और सिफारिश पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि ये प्रस्ताव ट्रायल में उठाए गए कानूनी मुद्दों से परे हैं. विभाग ने शुरुआत में एंड्ऱॉइड को पूरी तरह से बेचने को कहा था लेकिन अब यह केवल एंड्ऱॉइड को सर्च और गूगल प्ले से अलग करने पर फोकस कर रहा है. जानकारी के अनुसार अब कंपनी को विज्ञापदाताओं के साथ जानकारी शेयर करनी होगी और उन्हें यह अधिकार देना होगा कि वे तय करें कि उनके विज्ञापन कहां दिखाई जाएं और कहां नहीं.

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